City Post Live
NEWS 24x7

कड़ाके की ठंड के बीच मकर संक्राति पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगायी आस्था की डुबकी

- Sponsored -

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव, वाराणसी: मकर संक्रांति पर्व पर  गुरूवार को लाखों श्रद्धालुओं ने घने कोहरे, कड़ाके की ठंड और गलन के बीच पतित पावनी गंगा में आस्था की डुबकी लगाई। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने घाट पर दानपुण्य के बाद बाबा विश्वनाथ और ड़ेढ़सी के पुल स्थित देव गुुरू बृहस्पति के दरबार में भी हाजिरी लगाई। स्नानार्थियों के चलते दशाश्वमेध से लेकर गोदोलिया तक मेले जैसा नजारा रहा। इस दौरान घाट पर और काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में सुरक्षा का व्यापक इंतजाम रहा।
पर्व पर गंगा स्नान के लिए वाराणसी सहित पूर्वांचल के ग्रामीण अंचल से आई महिलाएं सिर पर गठरी लिए मां गंगा के गीत गाते हुए नंगे पाव स्नान के लिए आती रही। शहरियों के साथ देश के कोने-कोने से आये श्रद्धालु भी भोर से ही गंगा घाट पर पहुंचते रहे। स्नान ध्यान, दान पुण्य का सिलसिला अपरान्ह तक चलता रहे। गंगा स्नान के लिए सबसे अधिक भीड़प्राचीन दशाश्वमेध घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, शीतला घाट, पंचगंगाघाट,भैसासुरघाट,खिड़कियाघाट,अस्सी घाट, राजघाट, चेतसिंह किला घाट पर जुटी रही। गंगा स्नान दान पुण्य के बाद लोगों ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में भी हाजिरी लगाई। बाबा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लम्बी कतार लगी रही। स्नानार्थियो से पूरा गोदौलिया क्षेत्र पटा रहा। पर्व पर दशाश्वमेध मार्ग स्थित खिचड़ी बाबा मंदिर से प्रसाद स्वरुप भक्तों में खिचड़ी बाटी गई। लोगों ने उत्साह के साथ खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण किया इसके बाद अपने घरों को रवाना हुए।
 उधर, जिले के ग्रामीण अंचल चैबेपुर के गौराउपरवार, चन्द्रावती, परनापुर, रामपुर, सरसौल, बलुआ घाट पर भी लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। भोर के चार बजे के बाद ही गंगा तटों पर ठहरे लोग कोहरे व ठंड की परवाह किए बगैर आस्था का गोता लगाने लगे। दिन चढ़ने के बाद लगातार घाटों पर भीड़ लगने लगी जो दोपहर बाद तक चलती रहे। स्नान-दानपुण्य के बाद ग्रामीण अंचल की महिलाओं ने घरेलू सामानों की जमकर खरीदारी भी की। गौरतलब हो कि मकर संक्रांति वाले दिन भगवान सूर्य दक्षिण से उत्तर की ओर आते हैं। आज के ही दिन से सूर्य उत्तरायण होने के कारण स्नान पर्व का महत्व बढ़ जाता है। आज सेे खरमास भी समाप्त हो जायेगा। लेकिन मांगलिक कार्य नही हों सकेंगे। वजह है गुरू औार शुक्र का अस्त होना। देवगुुरू बृहस्पति धर्म और मागलिक कार्यो के कारक ग्रह है। इसलि, गुुरू के अस्त होने पर मांगलिक कार्य नही होते। गुरू 16 जनवरी से अस्त हो रहे है।

-sponsored-

- Sponsored -

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

- Sponsored -

Comments are closed.