उपेंद्र कुशवाहा के पक्ष में उतरे जीतन राम मांझी, कहा- “कब तक गाली सुनते रहेंगे”
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में डीएनए पॉलिटिक्स पर सियासत तेज हो गयी है. उपेन्द्र कुशवाहा के बयान के बाद एनडीए में घमासान मच गया है. रोलसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की ओर से नीतीश कुमार की डीएनए रिपोर्ट मांगे जाने के बाद से बिहार में सियासी बवाल मचा हुआ है. वहीँ इस मामले में हम पार्टी के मुखिया व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी उनके समर्थन में आए हैंं. इसके साथ ही जीतन राम मांझी ने उन्हें नसीहत भी दे डाली है. गौरतलब है कि इसके पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी उनके पक्ष में सामने आए थे. उन्होंने कहा था कि -“नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के पद पर बैठे हुए हैं और ऐसे प्रभावशाली व्यक्तित्व से एक केंद्रीय मंत्री के बारे में ‘नीच’ जैसे स्तरहीन शब्द की उम्मीद नहीं की जा सकती है.”
बता दें कि इसी मामले में भाजपा व जदयू ने सोमवार को खुलकर उपेंद्र कुशवाहा का विरोध किया था. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा था कि -“कुशवाहा पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं. फिर भी उन्हें नीतीश कुमार को लेकर इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए.” वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने भी कुशवाहा को बड़ी नसीहत देते हुए कहा था कि वे केंद्रीय मंत्री हैं. ऐसे में उन्हें इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए. वे बच्चा नहीं हैं कि उन्हें यह सब सीखने के लिए स्कूल जाने की जरूरत है.”
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि- “नीतीश कुमार ने सिर्फ उपेंद्र कुशवाहा को ही नहीं, बल्कि पूरे कुशवाहा समाज को नीच कहा है. उन्होंने कहा -“कि उपेंद्र कुशवाहा कब तक इंतजार करते रहेंगे. वे कब तक गाली सुनकर पॉलिटिक्स करेंगे. उन्होंने कहा कि -“कुशवाहा को कोई ठोस निर्णय लेना चाहिए. ऐसा नहीं कि निर्णय लेने में देर न कर दे.”
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