City Post Live
NEWS 24x7

एक्शन लेने के बजाय बाजीगरी से कैसे कम होगा अपराध: प्रियंका वाड्रा

- Sponsored -

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव, लखनऊ: कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार द्वारा अपराधों में कमी आने के दावों पर सवाल उठाये हैं।  राजधानी में एडीजी की प्रेस कान्फ्रेंस के कुछ ही देर बाद प्रियंका ने एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए सरकार को घेरा और आंकड़ों में बाजीगरी करने का आरोप लगाया। उन्होंने इस तरह अपराध कम होने पर भी सवाल उठाए।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया कि पूरे देश के कुल अवैध हथियारों के मामले में 56 प्रतिशत मामले यूपी में दर्ज हैं। 2016-2018 के मध्य यूपी में साइबर अपराधों के मामले में 138 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि यूपी सरकार इन आंकड़ों को संज्ञान में लेकर एक्शन लेने की बजाय इनकी बाजीगरी करने का काम कर रही है। अपराध कम कैसे होगा? इससे पहले अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने कानपुर के पांच लाख के आरोपित विकास दुबे मामले पर प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि आरोपितों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। हम ऐसी कार्रवाई करेंगे कि यह एक नजीर बनेगी। इस दौरान उन्होंने दावा कि प्रदेश में अपराधों में कमी आई है। उन्होंने 1 जनवरी से 15 जून 2020 तक के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि अगर इनकी तुलना 2019 से करें तो प्रदेश में डकैती के मामलों में 37.74 प्रतिशत, लूट के मामलों में 44.17 प्रतिशत, हत्या के मामलों में 7.91 प्रतिशत, फिरौती व अपहरण के मामलों में 41 प्रतिशत, दहेज हत्या व दुष्कर्म के मामलों में क्रमश: 3.34 प्रतिशत व 25.41 प्रतिशत की कमी आई है।
इसके बाद ही प्रियंका वाड्रा ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर आज फिर सरकार को घेरा। इससे पहले उन्होंने मंगलवार को  निशाना साधते हुए कहा था कि देश में हत्याओं के आंकड़े देखें तो यूपी पिछले 3 सालों से लगातार टॉप पर रहा है। हर दिन औसतन 12 हत्या के मामले आते हैं। 2016-2018 के बीच में बच्चों पर होने वाले अपराध यूपी में 24 प्रतिशत बढ़ गए। यूपी के गृह विभाग और सीएम ने इन आंकड़ों पर पर्दा डालने के अलावा किया ही क्या है? प्रियंका वाड्रा ने कहा कि आज उसका नतीजा है कि यूपी में अपराधी बेलगाम हैं। उनको सत्ता का संरक्षण है। कानून व्यवस्था उनके सामने नतमस्तक है। कीमत हमारे कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी व जवान चुका रहे हैं। उन्होंने कहा कि दलितों के खिलाफ होने वाले कुल अपराध के एक तिहाई अपराध यूपी में होते हैं। यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराध में साल 2016 से 2018 तक 21 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई। ये सारे आंकड़ें यूपी में बढ़ते अपराधों और अपराध के मजबूत होते शिकंजे की तरफ इशारा कर रहे हैं। हैरानी इस बात की है कि इन सब पर जवाबदेही फिक्स करने की बजाय यूपी सरकार ‘अपराध खत्म हो जाने’ का झूठा प्रचार करती रही।

-sponsored-

- Sponsored -

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

- Sponsored -

Comments are closed.