कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम का सरपंच से मंत्री तक का सफ़र
सिटी पोस्ट लाइव, साहेबगंज: झारखंड कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम के हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री पद की शपथ लेते ही उनके गृह जिले साहेबगंज जिले के बरहरवा प्रखंड में लोगों के बीच खुशी की लहर दौड़ गयी। साहेबगंज जिले के बरहरवा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत महराजपुर पंचायत के इस्लामपुर गांव के किसान परिवार में पैदा हुए आलमगीर आलम ने जनता के भरोसे व विश्वास पर खरा उतरते हुए, पंचायत के सरपंच से झारखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री तक की मंजिल पूरी कर ली है।आलमगीर आलम ने 1978 में अपने गृह पंचायत महाराजपुरसे सरपंच पद का चुनाव जीता। इस दौरान अपनी आजीविका चलाने के लिए बरहरवा में लोहे के पार्ट्स की दुकान भी खोली। वर्ष 1995 में आलमगीर आलम पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र से पहली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और भाजपा उम्मीदवार बेणी गुप्ता ने उन्हें पराजित कर दिया। इस हार के बावजूद आलम क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे। उनकी इस मेहनत का नतीजा था कि वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के बेणी गुप्ता को पराजित कर वे पहली बार विधायक बने। उस समय बिहारमें आरजेडी-कांग्रेस की गठबंधन सरकार में वे पहली बार विधायक बनने के साथ.पहली बार हस्तकरघा विभाग के राज्यमंत्री बनाए गए। 15 नवम्बर 2000 को बिहार से अलग होकर झारखंड अलग राज्य बना जिसकी वजह से महज छह माह तक ही वे राज्यमंत्री पद पर रहे। नवगठित झारखंड में भाजपा की सरकार बनी और आलमगीर विधायक के तौर पर पाकुड़ की जनता के बीच सक्रिय रहे। वर्ष 2005 में झारखंड के पहले विधानसभा चुनाव में आलमगीर आलम दोबारा पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के बेणी गुप्ता को हराकर दोबारा विधायक बने। झारखंड में मधु कोड़ा की मिलीजुली सरकार में आलमगीर आलम विधानसभा अध्यक्ष बनाए गए। लगभग दो साल तक इस पद पर बने रहे। वर्ष 2009 में झामुमोके अकील अख्तर से आलमगीर आलम चुनाव हार गये। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में आलमगीर आलम ने अपनी हार का बदला चुकाते हुए अकील अख्तर को हराकर विधायक बने। इस जीत के बाद वे झारखंड कांग्रेस विधायक दल के नेता भी बने। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के पहले ही कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने कांग्रेस छोड़कर अन्य दलों का दामन थाम लिया लेकिन आलम ने गठबंधन उम्मीदवार के रूप में पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और एकबार फिर भाजपा के बेणी गुप्ता को शिकस्त देकर भारी मतों से विजय हुए। इसी वजह से महागठबंधन सरकार में आलमगीर आलम कैबिनेट मंत्री बनाए गए।
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