सिटी पोस्ट लाइव : किसानों के ‘दिल्ली चलो आंदोलन’ के बीच बिहार के सीएम नीतीश कुमार केन्द्र सरकार के हिमायती के तौर पर सामने आए हैं। सीएम नीतीश ने कहा है कि किसानों का आंदोलन को बेवजह का बताते हुए कहा है कि केन्द्र सरकार बातचीत को तैयार है और कोई बाधा नहीं है तो फिर इसकी जरूरत नहीं है।
सीएम नीतीश कुमार ने आज पटना में दीघा-एम्स एलीवेटेड पुल के उद्घाटन के मौके पर मीडिया के सवाल पर कहा कि केंद्र सरकार किसानों के साथ बातचीत करना चाहती है, जब बातचीत हो जाएगी तो किसानों को सही मायने में ये जानकारी मिल जाएगी कि उनकी किसी भी फसल की खरीद में कोई बाधा नहीं आने वाली है। ये(आंदोलन) अकारण हो रहा है।
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए लाए गये कृषि बिल से किसानों के फसलों के प्रक्योरमेंट में कोई कठिनाई नहीं होगी पहले से ही बिहार में वर्ष 2008 में किसानों के हित में इस तरह की एक व्यवस्था यहां की गयी है। अब ये व्यवस्था पूरे देश में लागू की गई है। बिहार में ये व्यवस्था लागू होने से किसानों को किसी प्रकार की समस्या नहीं हुयी है। केंद्र सरकार किसानों से बातचीत करना चाहती है। जब बातचीत होगी तो किसानों सही जानकारी मिल सकेगी । किसानों के फसलों के प्रोक्योरमेंट में किसी प्रकार की बाधा नहीं होगी।
नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए निर्धारित लाभ किसानों को मिलेगा किसानों में अकारण गलतफहमी पैदा किया जा रहा है। बिहार इसका उदाहरण है। यहां किसानों को किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं हो रही है और प्रोक्योरमेंट का कार्य चल रहा है। इस वर्ष 30 लाख टन से ज्यादा प्रोक्योरमेंट का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि किसानों के द्वारा जो आंदोलन चलाया जा रहा है, उसको लेकर बातचीत होनी चाहिए।
बता दें कि केंद्र के कृषि बिलों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 5वां दिन है। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन जारी है। वे दिल्ली के 5 एंट्री पॉइंट्स को सील करने की तैयारी में हैं। किसानों के जमावड़े को देखते हुए पुलिस ने सिंघु और टिकरी बॉर्डर को आवाजाही के लिए बंद कर दिया है।
उधर, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। इस मीटिंग में बीजेपी के दूसरे नेता भी मौजूद थे। ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि सरकार किसानों से बिना किसी शर्त के बातचीत करने पर विचार कर रही है। सूत्रों के हवाले से बताया कि किसानों को किसी भी वक्त बातचीत का न्योता भेजा जा सकता है। इससे पहले रविवार को किसानों ने सरकार का यह प्रस्ताव मानने से इनकार कर दिया था कि किसान बुराड़ी पहुंचें और प्रदर्शन खत्म करें।
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