सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि केंद्र सरकार जीएसटी बकाया भुगतान में दोहरा मापदंड अपना रही है, भाजपा शासित राज्यों के साथ अलग बर्ताव किया जा रहा है, जबकि झारखंड जैसे गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। हेमंत सोरेन बुधवार को वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से सोनिया गांधी समेत गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत कर रहे थे।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि संघीय ढांचे में जीएसटी वसूली का सारा जिम्मा अपने हाथों में क्यों रखे हुए है, राज्यों को भी जिम्मेवारी क्यों नहीं सौंपी जाती है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की अलग नीतियों से देश की अर्थव्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। युवाओं में खासा आक्रोश है। लगातार देश के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री समाचार पत्रों में आलेख लिखकर देश की वास्तविक स्थिति को अच्छी नहीं बता रहे है। पेट्रोल-डीजल की कीमत भी लगातार बढ़ रही है, इससे महंगाई भी बढ़ना तय है, गांव-मजदूर और आम आदमी पर कब तक बोझ डाला जाता रहेगा,यह समझ से परे है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के आर्थिक विकास और मौजूदा हालात के बारे में जानकारी देने वाली सारी संस्थाओं का काम बंद है, रिपोर्ट मिलनी बंद हो गयी कि देश की मौजूदा स्थिति कैसी है, जब वास्तविक हालात की सही जानकारी नहीं मिलेगी, तो दिशा कैसे दे पाएंगे।
हेमंत सोरेन ने कहा कि उन्हें यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि आज विपक्ष कमजोर होते दिख रहा है, जोरदार आवाज नहीं उठ पा रही है, दूसरी तरफ केंद्र सरकार की ओर से सारे मैकेनिज्म का उपयोग विपक्ष के विरूद्ध किया जा रहा है, यह स्थिति संघीय ढांचे के लिए काफी घाटे वाली बात है।उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से गैर भाजपा शासित राज्यों की सरकार और विधायकों को परेशान करने का भी किया जा रहा है, जिससे मूल मुद्दे से आम लोगों का ध्यान हट जाता है। उन्होंने कहा कि नीट और जेईई परीक्षा को अभी कोरोना संक्रमणकाल में स्थगित किया जाना चाहिए,क्योंकि झारखंड में उत्तर प्रदेश, बिहार समेत अन्य पड़ोसी राज्यों से बड़ी संख्या में परीक्षार्थी आते है, वहीं उन्हें यह जानकारी मिली है कि राज्य के मात्र चार-पांच जिलों में परीक्षा केंद्र बनायी गयी है, ऐसी स्थिति में इन शहरों के सभी होटल, लॉज, गेस्ट हाउस और परिवहन सेवाओं को सुचारू करना शुरू होगा। उन्होंने कहा कि बाद में केंद्र सरकार इसकी पूरी जिम्मेवारी राज्यों पर छोड़ देगी, इसलिए राज्य सरकार का मानना है कि अभी कुछ दिनों तक ये परीक्षाएं स्थगित होनी चाहिए।
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