City Post Live
NEWS 24x7

नेता प्रतिपक्ष की मांग को लेकर सदन बाधित नहीं करेंगे भाजपा विधायक : बाबूलाल

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

नेता प्रतिपक्ष की मांग को लेकर सदन बाधित नहीं करेंगे भाजपा विधायक : बाबूलाल 

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: बुधवार शाम भाजपा विधायकों को बैठक में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की मान्यता न देने के विरोध में राज्यभर में आंदोलन करने की धमकीयों के बीच आज विधानसभा में बाबूलाल मरांडी ने भाजपा विधायकों से नेता प्रतिपक्ष की मांग पर विधानसभा में किसी भी प्रकार का हंगामा न करने का आग्रह ने सबको चौंंका दिया। भारतीय जनता पार्टी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा विधायक नेता प्रतिपक्ष के मसले पर सदन को बाधित नहीं करेंगे और न वेल में जाएंगे । इसके साथ ही उन्होंन भाजपा विधायकों से आग्रह किया वे नेता प्रतिपक्ष की मांग को लेकर सदन को बाधित ने करें । जिसके बाद बजट सत्र के सातवें दिन आज सदन में प्रश्नोत्तरकाल की कार्यवाही सुचारू रूप से चली। विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही भाजपा विधायक अमित कुमार मंडल ने नेता प्रतिपक्ष का दर्जा दिये जाने की मांग को पुनः सदन में उठाया और भाजपा के कई विधायक आसन के निकट आ गये। इस बीच भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सदन में अपनी बात रखनी चाही, जिसके बाद वेल में गये सभी भाजपा विधायक वापस आकर अपनी सीट पर बैठ गये।
बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा अध्यक्ष से नेता प्रतिपक्ष के मसले पर जल्द फैसला लेने का आग्रह करते हुए बताया कि 11 फरवरी को झारखंड विकास मोर्चा की केंद्रीय समिति ने बैठक कर सर्वसम्मति से भाजपा में विलय का फैसला लिया, जिसके बाद 17 फरवरी को झाविमो का औपचारिक रूप से भाजपा में विलय भी हो गयी। इसकी पूरी सूचना भारत निर्वाचन आयोग को दे दी गयी और निर्वाचन आयोग ने भी 6 मार्च को झाविमो के भाजपा में विलय के निर्णय को मंजूरी प्रदान कर दी। इस बीच 24 फरवरी को भाजपा विधायक दल की बैठक हुई और उन्हें पार्टी विधायक दल का नेता चुन लिया गया, जिसके बाद विधानसभा में विपक्ष में सबसे बड़े दल होने के कारण भाजपा की ओर से विधानसभा अध्यक्ष को भी पत्र लिखकर नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने की मांग की गयी।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि वे विधानसभा अध्यक्ष से यह नहीं कहना चाहते है कि नेता प्रतिपक्ष को लेकर आज ही निर्णय ले, वे जब निर्णय लेना चाहते है, लें, लेकिन सदन को वे यह भरोसा दिलाना चाहते है कि नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे को लेकर भाजपा विधायक आसन के निकट आकर नारेबाजी नहीं करेंगे,क्योंकि भिन्न-भिन्न क्षेत्र से चुन कर जनप्रतिनिधि सदन में पुहंचे और वे अपने क्षेत्र तथा राज्य की समस्या को सदन में उठाना चाहते है, हंगामे के कारण वे अपनी बात नहीं रख पाते है, इसलिए विधानसभा अध्यक्ष के अलावा सरकार की भी जिम्मेदारी है कि सदन की कार्यवाही चले। उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में पश्चिमी सिंहभूम या लोहरदगा की घटना हुई, इस पर सदन में चर्चा जरूरी है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि विधानसभा अध्यक्ष नेता प्रतिपक्ष के मुद्दे पर जल्द निर्णय लेंगे। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के मसले पर वे विधिक सलाह के बाद निर्णय लेंगे। उन्होंने कहा कि विधिक न्याय आने के बाद कहीं कोइ विलंब नहीं होगा, थोड़ा वक्त दें, जल्द ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

 

- Sponsored -

-sponsored-

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

- Sponsored -

Comments are closed.