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उडी सभी दलों की नींद, बिहार में राजनीति करने आ गया है देश का सबसे बड़ा बदनाम नेता

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उडी सभी दलों की नींद, बिहार में राजनीति करने आ गया है देश का सबसे बड़ा बदनाम नेता

सिटी पोस्ट लाइव : राजनीति में जो जितना बड़ा दागी है ,बदनाम है, उसका उतना ज्यादा राजनीतिक दलों में भाव है. किसी भी राजनीतिक दल को साफ़-सुथरी छवि वाले नेता की दरकार नहीं है. दाग चाहे जितने भी खराब हों, अगर नेता के पास उसे धोने के लिए पर्याप्त धन है तो उसे लेने को सभी राजनीतिक पार्टियाँ बेताब हैं. उत्तर प्रदेश में 1400 करोड़ रुपये के स्मारक घोटाले में फंसे मायावती के मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा देश भर में बदनाम हैं. लेकिन बदनाम हुए तो क्या नाम न होगा वाली कहावत उनके ऊपर चरितार्थ होती है. अपनी बदनामी को ही उन्होंने अपना यूएसपी बना लिया है. उनके इसी यूएसपी की वजह से उन्हें अपने दल में शामिल कराने को लेकर बीजेपी-कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टियाँ बेताबी दिखा चुकी हैं. जब समाजवादी पार्टी में गए तो वो बीजेपी को बड़े दागी नजर आने लगे. कांग्रेस ने भी उन्हें चारा डाला .लेकिन जब वो नहीं फंसे और बीजेपी ने उन्हें फांस लिया तो कांग्रेस ने ये खाना शुरू कर दिया कि घोटाले के पैसे से उन्होंने बीजेपी को खरीद लिया है.

यानी बाबू सिंह कुशवाहा अगर मेरे साथ आयें तो उनके दाग अच्छे हैं और दूसरी पार्टी के साथ जाएँ तो उनके दाब बुरे हैं. इस अच्छे और बुरे दाग की राजनीति से परेशान बाबू राम कुशवाहा के लिए किसी दल में बने रहना जब मुनासिं नहीं हुआ तो उन्होंने अपनी पार्टी लांच कर दी है. अब वो अपनी पार्टी बनाकर पाक साफ़ हो चुके हैं. आज अपनी पार्टी का एक बड़ा कार्यक्रम करने वो बिहार पहुँच रहे हैं. बिहार के झंझारपुर में वो एक बड़ी रैली कल करेगें.पैसे के दमखम पर राजनीतिक दल बनाकर चुनाव मैदान में उतर रहे बाबू राम कुशवाहा किस गठबंधन के लिए मुसीबत बनेगें और किसकी ताकत बनेगें ये तो आनेवाला समय बतायेगा.लेकिन उनके बिहार की धरती पर आ जाने से NDA-यूपीए दोनों के माथे पर बल पद गए हैं.

जैसा कि मैं पहले ही बता चूका हूँ कि जिस बदनामी की वजह से किसी दल में शामिल होने में नाकाम रहे बाबू सिंह कुशवाहा अपनी उसी बदनामी को अपनी यूएसपी बनाकर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर चुके हैं. उनकी पार्टी के लोग पत्रकारों को उनके बारे में जानकारी भी उसी अंदाज में दे रहे हैं. हजारों करोड़ के घोटाले के आरोपी बाबू सिंह कुशवाहा बिहार अपनी पार्टी लांच करने आ रहे हैं. जब कोई पत्रकार ये पूछता है कि बाबू सिंह कुशवाहा कौन हैं तो उनकी पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं का जबाब होता है- अरे साहब आप बाबू सिंह कुशवाहा को नहीं जानते. उन्हें तो पूरा देश जनता है. ये वहीँ कुशवाहा हैं जिन्होंने 14 00 करोड़ रुपये का स्मारक घोटाला किया था.

गौरतलब है कि साल 2012 में एनएचआरएम घोटाले में उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को गिरफ्तार किया गया. साथ ही  गाजियाबाद की सीबीआई अदालत में पेश किया गया. बसपा विधायक रामप्रसाद जायसवाल को भी सीबीआई ने कुशवाहा के साथ गिरफ्तार किया था. बता दें एनआरएचएम घोटाले में बाबूसिंह कुशवाहा के खिलाफ तीन मामले दर्ज किये गए थे. मामला था 134 जिला अस्पतालों के अपग्रेडेशन का. केंद्र सरकार ने एनआरएचएम योजना के तहत उत्तर प्रदेश में 134 जिला अस्पतालों के अपग्रेडेशन के लिए 160 करोड़ रुपये दिए थे जिनके घोटाले का आरोप था.

इस मामले में साल 2015 को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में हुए अरबों के घोटाले में आरोपी बाबू सिंह कुशवाहा की लखनऊ और दिल्ली में 196 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कर ली गई. इसके अलावा कसमंडा हाउस में ही दर्पण मर्केंटाइल लिमिटेड के तीन फ्लोर के तीन फ्लैट जब्त किये गये.  इसके बाद साल 6 फरवरी 2016 उन्हें रिहा कर दिया गया.

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