“विशेष” : फिर बरसी गोलियाँ,भाजपा नेता को छलनी कर मौत के घाट उतारा
सिटी पोस्ट लाइव “विशेष” : बिहार के औरंगाबाद जिले के हसपुरा थाना क्षेत्र के जलपुरा मोड़ के पास आज शुक्रवार की सुबह अपराधियों ने भाजपा नेता मदन यादव की गोली मारकर हत्या कर दी. मृतक नेता होने के साथ-साथ जन वितरण प्रणाली के विक्रेता भी थे ।बताते चलें कि मदन यादव हसपुरा थाना क्षेत्र के पहाड़पुर गांव के रहने वाले थे. प्राप्त जानकारी के मुताबिक मदन यादव प्रत्येक दिन की भांति आज शुक्रवार की सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए अपने घर से बाहर निकले थे और जैसे ही वे जलपुरा मोड़ पर पहुंचे,पहले से घात लगाए अज्ञात अपराधियों ने उन्हें बिल्कुल पास से दो गोलियां दाग दी ।पहली गोली उनके पेट में लगी जबकि दूसरी गोली उनके कनपटी में लगी ।गोली बेहद करीब से मारी गयी थी ।परिणाम स्वरूप गोली लगते ही मदन यादव की मौके पर ही मौत हो गई.
इस हत्या की सूचना के बाद स्थानीय लोग और ग्रामीण काफी आक्रोशित हो गए और उन्होंने जमकर बबाल काटा ।पुलिस-प्राशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई. आगजनी कर यातायात को भी बाधित किया गया ।लेकिन खास बात यह रही कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी बिना समय गंवाए मौका ए वारदात पर पहुँच गए और लोगों समझाना शुरू कर दिया ।फिलवक्त स्थिति नियंत्रण में है ।पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है ।इस मामले में अभीतक ना तो घटना के कारण का खुलासा हो पाया है और ना ही अपराधियों का कोई सुराग ही मिल पाया है ।वैसे अधिकारियों ने त्वरित गति से अपराधियों को गिरफ्त में लेने और हत्या की वजह का खुलासा करने का भरोसा दिलाया है.
अब चूंकि हत्या हुई है,तो पुलिस पर सवाल उठने जायज हैं ।पुलिस को अब चाहिए कि वह हत्या के तरीके और हत्या के मूल चरित्र को समझने की कोशिश करे ।अपराधी विभिन्य वजहों से हत्या की घटनाओं को अंजाम देते हैं ।मसलन लूट के दौरान हत्या, सुपारी लेकर किसी की हत्या, फिरौती के लिए अपहरण और फिर हत्या,बतात्कार के बाद हत्या,जमीन विवाद और पुरानी रंजिश में हत्या,या फिर अचानक किसी बात पर आए गुस्से के दौरान हत्या,तो हत्या के कई कारण होते हैं ।पुलिस अधिकारियों के लिए अभी का समय आत्ममंथन का है. राज्य को एक बेहतरीन डीजीपी मिले हैं ।निचले स्तर के सभी बड़े और कनीय पुलिस अधिकारियों को पूर्वाग्रह से मुक्त होकर अब अपराध पर लगाम लगाने के लिए दिन-रात मिहनत करने की जरूरत है ।एसी और हीटर वाले ऑफिस और आवास से केवल निर्देश जारी करने से कुछ भी हासिल नहीं होगा ।बड़े अधिकारियों को खुद कमान संभालते हुए मोनेटरिंग के अलावे अपराधियों की धड़-पकड़ के लिए अपने कनीय अधिकारियों के साथ-साथ कदमताल करने की जरूरत है ।वैसे इसमें कोई शक-शुब्बा नहीं है कि अभी बिहार में बेहतर पुलिसिंग का संक्रमण काल है.
पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष”रिपोर्ट.
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