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बिहार में नवरात्रि के आनंद पर पानी फेर सकती है ’तितली’, मचा सकती है भारी तबाही

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बिहार में नवरात्रि के आनंद पर पानी फेर सकती है ’तितली’, मचा सकती है भारी तबाही

सिटी पोस्ट लाइव :  ‘तितली तूफान 110 से 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है. लेकिन अगर इसने अपनी दिशा बदल दी, यानि की अगर ये ये तूफान उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुड़  गया तो ये 130 से 150 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से आगे बढ़ेगा. तूफान की ये रफ्तार कई बड़ी तबाहीं मचा सकती है. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार  ये तूफान फिलहाल उत्तर-पश्चिम की ओर यानी बिहार-झारखण्ड की तरफ बढ़ने की संभावना है. मौसम वैज्ञानिको के अनुसार  ये तूफान गुरुवार से शुक्रवार के बीच बिहार और डारखंड पहुँच सकता है. ये तबाही मचा देगा.

अगर तितली तूफान अपना रुख बदलते हुए बिहार की ओर बढ़ता है तो इससे बिहार के कई हिस्सो में तेज तूफान के साथ ही भारी बारिश होने की संभावना है. सबको ये डर सता रहा है कि कहीं बंगाल की खाड़ी से निकला यह ’तितली’ तूफान बिहार में दुर्गा पूजा के आनंद को हवा में न उड़ा दे. बंगाल की खाड़ी में बने दबाव के कारण पनपे इस चक्रवाती तूफान से बिहार में भी तबाही मचने की आशंका है. जानकारी के अनुसार अभी ये तूफान अपने प्रचंड में ओडिशा-आंध्र प्रदेश तट की ओर बढ़ रहा है जिससे ओडिशा के कई हिस्सों में आज बारिश हुइ हैं. अगर भारतीय मौसम विभाग की बातों पर गौर करें तो ये तूफान 145 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं के साथ गुरुवार के सुबह से ओडिशा के गोपालपुर और आंध्र प्रदेश के कलिंगापत्तनम के बीच पहुंचने की संभावना है. एक बुलेटिन जारी करते हुए भारतीय मौसम विभाग में कहा है कि ‘‘तितली 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के साथ आगे बढ़ रहा है और उसने प्रचंड चक्रवातीय तूफान का रूप ले लिया है.

यह ओडिशा में गोपालपुर से करीब 370 किमी. दूर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम में बंगाल की खाड़ी के पश्चिम मध्य क्षेत्र पर मंडरा रहा है. इसमें कहा गया कि इसके अगले 18 घंटे के दौरान और प्रचंड रूप लेने की आशंका है. चक्रवात के उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और गुरुवार सुबह तक गोपालपुर और कलिंगापत्तनम के बीच ओडिशा तथा आंध्र प्रदेश के उत्तरी तट को पार करने की आशंका है.मौसम विभाग ने पूरे विश्वास के साथ कहा है कि चक्रवात जलद हीं ओडिशा पार करके पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय क्षेत्रों की ओर बढ़ेगा. लेकिन उन्होने अनुमान लगाया है कि गांगा तटीये इलाके में इसका प्रभाव धीरे-धीरे कमजोर हो सकता है.

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