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बिहार में डॉक्टरों की हड़ताल खत्म, लेकिन अभी भी करने को तैयार नहीं हैं आरा के डॉक्टर

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बिहार में डॉक्टरों की हड़ताल खत्म, लेकिन अभी भी करने को तैयार नहीं हैं आरा के डॉक्टर

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में डॉक्टर हड़ताल की वजह से पिछले तीन दिन से सरकारी अस्पतालों में हाहाकार मचा हुआ था. सबसे बुरा हाल तो आरा की थी, जहाँ सरकारी अस्पतालों के साथ निजी क्लिनिक भी बंद हो गए थे. लेकिन अब हलकान मरीजों के लिए एक राहत की खबर है. बिहार में डॉक्टरों की हड़ताल तत्काल  स्थगित कर दी गई है. ये हड़ताल अगले 2 दिसंबर तक के लिए स्थगित की गई है. अब इस मामले में दिसंबर के पहले हफ्ते में डॉक्टरों की बैठक होगी फिर आगे की रणनीति डॉक्टर तय करेगें.आरा सदर अस्पताल के डॉक्टर के साथ बदसलूकी को लेकर नाराज डॉक्टर  दिसंबर में बैठक करेगें. BHASA की कार्यसमिति की होनेवाली बैठक में डॉक्टर फैसला लेगें. यानी अगर भोजपुर डीएम के खिलाफ कारवाई नहीं हुई तो आगे भी हड़ताल शुरू हो सकती है.

फिरहाल  डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल ख़त्म करते हुए दिसंबर के पहले सप्ताह तह सरकार को इस मामले में डीएम के खिलाफ कारवाई करने का अल्टीमेटम दे दिया है. मिल रही जानकारी के मुताबिक अगर दिसंबर तक सरकार ने डॉक्टरों की पिटाई मामले में कोई कड़ा फैसला नहीं लिया तो संघ कोई बड़ा डिसीजन ले सकता है. फिलहाल BHASA और IMA दोनों ने हड़ताल को स्थगित कर दिया है.

हड़ताल के खत्म हो जाने के बाद से ही आज 24 नवंबर से एक बार फिर सरकारी अस्पतालों में ओपीडी सेवा बहाल हो गई है. सभी डॉक्टर एक बार फिर से काम पर लौट आये हैं. लेकिन भोजपुर के मरीजों के लिए एक बुरी खबर भी है. भोजपुर जिले के आरा के डॉक्टर अभी भी काम पर आने के लिए तैयार नहीं हैं. आरा में अभी भी डॉक्टर हड़ताल खत्म करने पर राजी नहीं हैं. आज से आरा को छोड़कर पूरे बिहार में ओपीडी सेवा बहाल हो गई है.आज डीएम के साथ आरा में डॉक्टर की बैठक होनेवाली है. इस बैठक के बाद वहां भी फिरहाल हड़ताल ख़त्म हो जाने की उम्मीद है.

गौरतलब है कि आरा में डॉक्टरों और डीएम के बीच में विवाद होने के बाद डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे. आरा सदर अस्पताल के डॉक्टरों का आरोप है कि जिलाधिकारी ने उन्हें जबरन अपने आवास पर बुलवाया. फिर अपने गार्ड्स से उनकी पिटाई करवाई .लेकिन  जिला प्रशासन का आरोप है कि पहले डॉक्टरों की ओर से अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया. दोषी चाहे जो भी हो ,सजा तो मरीजों को मिली है, जिन्हें ईलाज के अभाव में अपनी जान गवानी पडी है.

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