विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष ने भी शुरू कर दी है छात्रों को कोटा से निकालने की मांग
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के बाहर फंसे प्रवासी मजदूरों और छात्रों को वापस बुलाने की मांग जोर पकड़ने लगी है.विपक्ष इस मांग को लेकर लगातार सरकार पर हमला कर रहा है. लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी चुप्पी साधे हुए हैं. विपक्ष के साथ साथ अब बीजेपी के नेता भी प्रवासी मजदूरों और छात्रों के समर्थन में आवाज उठाने लगे हैं. बिहार बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधान पार्षद सच्चिदानंद राय ने कोटा में फंसे बच्चों को लेकर कहा है कि इसमें केंद्र सरकार दखल दे, और राज्य सरकारों को आवश्यक दिशा निर्देश दे. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार का भी दायित्व है की वह कोटा में फंसे बच्चे की सहूलियत और सुविधा देने की व्यवस्था करे.
सच्चिदानंद राय का कहना है कि जो बच्चे फंसे हैं वे कम उम्र के हैं और पहली बार घर से बाहर निकले हैं.छात्राएं भी फंसी हैं और उनकी सुरक्षा को लेकर उनके परिवार वाले चिंतित हैं. ऐसी स्थिति में सरकार का यह दायित्व है कि वह उन छात्रों की हिफाजत करे. सच्चिदानंद राय ने कहा कि केंद्र सरकार से राय लेकर बिहार सरकार आगे की कार्रवाई करे और संभव हो तो तत्काल उन बच्चों को घर लाने की व्यवस्था करे.उन्होंने कहा कि सबसे पहले जरूरी तो यह है कि वर्तमान में जो बच्चे कोटा में फंसे हैं और परेशानी का सामना कर रहे हैं उनको तत्काल वहीं पर खाने-पीने से लेकर तमाम इंतजाम किए जाने चाहिए.
बीजेपी विधान पार्षद ने कहा कि केंद्र सरकार ने अब दुकानों को खोलने का भी निर्णय लिया है. ऐसे में अब लॉक डाउन से पहले लोगों को तैयार किया जा रहा है.दुकानों को खोलने और वहां पर सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने और 50 फ़ीसदी कर्मियों से ही काम लेने का निर्णय स्वागत योग्य है. केंद्र सरकार का यह कदम धीरे धीरे लॉक डाउन से बाहर निकालने का है.जाहिर है विपक्ष के साथ साथ सत्ताधारी दल के नेता भी कोटा में फंसे छात्र छात्राओं को वापस लाने की मांग कर सरकार की मुसीबत बढ़ा रहे हैं.
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