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नियोजित शिक्षकों के पक्ष में उतरे RJD-BJP के नेता, कहा- बंद हो अब अन्याय. ‌

संकटकाल में शिक्षकों की हड़ताल समाप्त करा वेतन भुगतान करने की उठ रही मांग.

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नियोजित शिक्षकों के पक्ष में उतरे RJD-BJP के नेता, कहा- बंद हो अब अन्याय. ‌

सिटी पोस्ट लाइव :  बिहार में हड़ताल पर डटे नियोजित शिक्षकों की मौत का मामला अब राजनीतिक टूल पकड़ने लगा है. शिक्षक संघ के अनुसार अबतक ब्रेन हेमरेज और विभिन्न बीमारियों की चपेट में आने और पैसे के अभाव में ईलाज नहीं करवा पाने की वजह से 30 हडताली शिक्षकों की जान चली गई है. नियोजित शिक्षक संघ समान काम के लिए समान वेतन की मांग को लेकर 17 फ़रवरी से ही आंदोलनरत्त हैं.शिक्षक संघों की मांग को बिहार सरकार ने खारिज कर दिया है.इधर हड़ताल की अवधी लंबी होने और इस बीच कोरोना महामारी फैलने के बाद भी सरकार द्वारा हड़ताल खत्म कराने को लेकर पहल नहीं किए जाने पर विपक्षी सदस्यों ने नीतीश सरकार पर सवाल उठाए हैं.

RJD के के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान सरकार को दमनात्मक रवैया छोड़कर शिक्षकों की मांग पर विचार करना चाहिए और हड़ताल खत्म होना चाहिए.भुखमरी के शिकार शिक्षकों पर मानवीय संवेदना के तहत अविलंब वेतन भुगतान करना चाहिए.उन्होंने आरोप लगाया है कि  राज्य के 42 शिक्षकों की मानसिक पीड़ा और पैसे के अभाव में उचित इलाज नहीं करा पाने ‌की वजह से मौत हो गई है.

BJP के वरिष्ठ नेता और बिहार विधान परिषद् सदस्य डॉo (प्रोo) नवल किशोर यादव ने भी नीतीश सरकार से बड़ी मांग कर दी है.उन्होंने  सरकार से कोरोना संकट के इस दौर में किसी भी कारण से दिवंगत हुए नियोजित एवं वित्तरहित शिक्षकों को मुवावजा देने की मांग कर दी है.नवल किशोर यादव ने कोरोना संकट में तकरीबन 35 नियोजित शिक्षकों की मृत्यु पर शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी और शिक्षामंत्री कृष्णंदन वर्मा को नियोजित शिक्षकों की समस्याओं पर सहानुभूतिपूर्ण रूख अख्तियार करना चाहिए.डॉo (प्रोo) नवल किशोर यादव ने वित्तरहित शिक्षकों को उनके पूर्व के बकाये सहित आजतक के मानदेय का अविलंब भुगतान करने की मांग की है.

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