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पुलिस की वर्दी पर दाग लगाने वालों को बख्शा नहीं जायेगा – गुप्तेश्वर पांडेय

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पुलिस की वर्दी पर दाग लगाने वालों को बख्शा नहीं जायेगा – गुप्तेश्वर पांडेय

सिटी पोस्ट लाइवः देश भर में छाये संकट के बादल के बीच बिहार की लगभग दस करोड़ जनता भी लॉकडाउन के कारण घरों में बंद है। उनकी रक्षा से लेकर रोजमर्रा की जरूरतों तक में सहारा पुलिस प्रशासन ही है, लेकिन इन्हीं के बीच छिपे कुछ ऐसे पुलिसकर्मी हैं जो खाकी वर्दी पर बदनुमा दाग लगाने की कोशिश में हैं। कहते हैं कि अगर किसी महकमे का मुखिया निष्पक्षता, निष्ठा और ईमानदारी से जनसेवा में जुटा हो तो ऐसे लोगों की शामत आनी निश्चित है।

ऐसा ही कुछ हुआ बिहार की राजधानी पटना में जहां कर्फ्यू के दौरान आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में जुटे एक व्यापारी से झड़प के बाद उसपर एक पुलिस वाले ने गोली चला दी। घायल व्यापारी को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जब इस मामले की सूचना डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय तक पहुंची तो उन्होंने व्यापारी की चेकिंग में जुटे सभी पुलिसवालों को फौरन गिरफ्तार करने के आदेश दिये। तीन पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया और डीजीपी की अनुशंसा पर उन्हें नौकरी से भी बर्खास्त कर दिया गया।

ये एक ऐसा सख्त फैसला है जिसने आम जनता और पुलिसकर्मियों दोनों को संदेश दिया। आम नागरिकों को अहसास हुआ कि पुलिस का मानवीय चेहरा साफ व बेदाग है और जरूरत पड़ने पर उनकी बात सर्वोच्च स्तर तक जायेगी। उधक पुलिसकर्मियों को भी संदेश मिला कि किसी भी स्थिति में उन्हें ईमानदारी से जनता के प्रति सेवा भाव रखना पड़ेगा क्योंकि किसी अपराध पर किसी भी स्तर पर लीपापोती नहीं की जायेगी।

डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने दिन-रात लोगों की मदद में जुटे पुसिसकर्मियों का भी हौसला बढ़ाते हुए लोगों को सिस्टम और कानून पर विश्वास दिलाने का जो प्रयास किया है वह अपने आपमें एक उदाहरण है। उनके नेतृत्व में बिहार में पुलिस रिफॉर्म का ऐतिहासिक अध्याय लिखा गया है और लोगों के बीच पुलिस की छवि एक प्रशासक से अधिक एक मददगार दोस्त की बनी है।
बतौर पुलिस प्रमुख गुप्तेश्वर पांडेय ने बिहार के करीब 1400 थानों में एसएचओ के पद पर वैसे पुलिस अधिकारियों को नियुक्त करने की शर्त रख दी है जिसपर किसी तरह का आरोप न हो। वहीं पुलिस मैन्युअल को सही तरीके से लागू करने और राज्य में शराबबंदी को सख्ती से लागू करवाने के उनके प्रयासों की चर्चा राष्ट्रीय ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है। वे राज्य भर के किसी भी थाने में कभी भी पहुंच कर औचक निरीक्षण करने और नकारात्मक कार्यों पर तुरंत कार्रवाई करने के लिये भी जाने जाते हैं।

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