दिल्ली हिंसा : बद से बदतर स्थिति, अब तक 18 की मौत, जानिए HC का आदेश
सिटी पोस्ट लाइव : उत्तर पूर्वी दिल्ली में CAA, NRC और NPR का विरोध रविवार अचानक हिंसा में बदल गया. ये हिंसा ऐसे समय में हुआ जब दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति भारत दौरे पर आये. जिस तरह से दिल्ली में हिंसा हुई उससे ये साफ़ है कि ये अचानक तो हुई लेकिन सुनयोजित थी. इस हिंसा में अबतक 18 लोगों के मरने की खबर भी सामने आई है. पूरी उत्तर पूर्वी दिल्ली में कर्फ्यू लगा दिया गया है. लेकिन जो सबसे बड़ी मुश्किल है वो वहां के स्थानीय लोगों को उठानी पड़ रही है. पुलिस ने इस बवाल के बीच जाफराबाद में जारी CAA विरोधी धरना स्थल को खाली करवा दिया है.
दिल्ली में हुई हिंसा के मसले पर आधी रात को हाई कोर्ट में सुनवाई भी हुई. गुरु तेग बहादुर अस्पताल के MD सुनील कुमार गौतम ने बताया की दिल्ली में मरने वालों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है. अब भी कई लोगों की हालत गंभीर है जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है. राजधानी में दो दिन से जारी हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर केन्द्र सरकार ने मंगलवार को उच्च स्तरीय आपात बैठक बुलायी और स्थिति की गहन समीक्षा की तथा शांति बहाल करने के लिए कड़े कदम उठाने का फैसला किया.
वहीं दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में हुई हिंसा में घायलों के लिए सुरक्षित रास्ता देने की मांग करने वाली याचिका पर आधी रात को दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीशों जस्टिस एस. मुरलीधर और अनूप जे. भम्भानी ने सुनवाई की. आधी रात 12.30 बजे न्यायमूर्ति एस. मुरलीधर के आवास पर मीटिंग हुई। पीठ ने दिल्ली पुलिस को सभी संसाधनों को उपलब्ध कराके घायलों के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है, साथ ही उन्हें तत्काल इमरजेंसी उपचार मिलना सुनिश्चित कराने के लिए भी कहा.
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