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पीएमजेएवाई की समीक्षा बैठक, मुख्यमंत्री के समक्ष स्वास्थ्य विभाग ने दिया प्रस्तुतीकरण

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पीएमजेएवाई की समीक्षा बैठक, मुख्यमंत्री के समक्ष स्वास्थ्य विभाग ने दिया प्रस्तुतीकरण

सिटी पोस्ट लाइव : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की समीक्षा की। आयुष्मान भारत योजना को दो भागों प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं हेल्थ वेलनेस सेंटर के रूप में क्रियान्वित किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के संबंध में एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का क्रियान्वयन राज्य में बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति द्वारा किया जाता है। प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि देश के 10 करोड़ से अधिक लोगों को जिसमें बिहार में 1 करोड़ 8 लाख से अधिक लाभार्थी परिवारों में से प्रत्येक को 5 लाख रुपए प्रतिवर्ष निःशुल्क स्वास्थ्य सुरक्षा की सुविधा दी जा रही है।

इस योजना के अंतर्गत द्वितीयक एवं तृतीयक उपचार तक की व्यापक व्यवस्था है। अभी तक इस योजना के लिये बिहार के 570 सरकारी एवं 194 निजी अस्पतालों को मिलाकर कुल 764 अस्पताल सूचीबद्ध किए गए हैं। लाभार्थियों के चयन का आधार सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना 2011 द्वारा निर्धारित मानदंड है। लाभार्थियों के ई-कार्ड तेजी से बनाए जा रहे हैं। बैठक में जिलावार सूचीबद्ध निजी अस्पतालों के बारे में तथा राज्य में एवं राज्य के बाहर के लाभार्थियों के बारे में भी जानकारी दी गई।
आयुष्मान भारत के अंतर्गत दूसरे पहलू हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के संबंध में एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव श्री संजय कुमार ने दिया।

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का क्रियान्वयन राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा किया जाता है। उन्होंने बताया कि इसके माध्यम से पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम को बेहतर किया जा रहा है। बैठक में विभिन्न बीमारियों/कारकों द्वारा होने वाली मृत्यु के संबंध में भी जानकारी दी गई। आधारभूत संरचना, मानव संसाधन, वित्तीय प्रावधानों की व्यवस्था, जांच की सुविधा, दवा की उपलब्धता, योग एवं वेलनेस से संबंधित गतिविधियों की भी जानकारी दी गई। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट फॉर बिहार की स्थापना से संबंधित एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण भी दिया। उन्होंने बताया कि पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट को एक चैलेंज के रुप में स्वीकार करते हुए लोगों की बेहतर सुविधा के लिए प्रोफेशनल स्तर पर पब्लिक हेल्थ मैनेजमेंट कैडर की आवश्यकता है।

इस कैडर की स्थापना से सक्षम और प्रोफेशलन लीडरशिप के द्वारा व्यवस्थित रूप से कार्यों का और बेहतर संचालन किया जा सकेगा। बिल गेट्स फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने भी राज्य में स्वास्थ्य क्षेत्र में उनके संस्थान द्वारा ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और मॉनिटरिंग के माध्यम से अपनी सहभागिता के संबंध में भी बैठक में जानकारी दी। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले, इसे ध्यान में रखते हुये अग्रेतर कार्रवाई करें। बचे हुये लोगों का कार्ड तेजी से बनायें ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका फायदा मिल सके। निजी अस्पतालों से वार्ता करके इस योजना के लिये उनकी भागीदारी को बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुॅचाने के लिए व्यावहारिक स्तर पर कुछ जरूरी सुझाव भी केंद्र को भेजे जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के चलते अस्पतालों में आने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है। यहां कुपोषण की स्थिति में काफी सुधार हुआ है। मुख्यमंत्री चिकित्सा सहयता राशि के माध्यम से लोगों को भी इलाज के लिए मदद दी जा रही है। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से लोगों को बेहतर इलाज की सुविधा मिल रही है। उन्होंने कहा कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के लिए जितनी सुविधाओं का जिक्र है उसके लिए केन्द्र पर पर्याप्त जगह भी होनी चाहिए। राज्य के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रुप में विकसित कर लाभार्थियों को वहां सारी सुविधाएं उपलब्ध करायें। जो स्वास्थ्य उपकेंद्र हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रुप में कार्य कर रहे हैं उन्हें और विकसित करें। ब्लाॅक के स्तर पर आबादी के अनुसार अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र के निर्माण के संबंध में भी आंकलन करवा लें। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर जो आयुर्वेद चिकित्सक की व्यवस्था की जा रही है उनकी ट्रेनिंग भी बेहतर ढंग से होनी चाहिए।

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