लोकसभा चुनाव के बाद पार्टियों की आज फिर से हो रही पहली परीक्षा
सिटी पोस्ट लाइव : आज सोमवार, 21 अक्तूबर को हरियाणा और महाराष्ट्र में नई विधानसभा के लिए मतदान शुरू हो चूका है. बीजेपी शासित दोनों ही राज्यों के चुनाव के नतीजे राष्ट्रिय राजनीति पर भी गहरा असर डालेगें. महाराष्ट्र में बीजेपी और शिवसेना गठबंधन की सरकार है. हरियाणा में बीजेपी की बहुमत वाली सरकार है.महाराष्ट्र में 288 सीटों वाली विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को ख़त्म हो रहा है और यहां कुल 288 सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं.हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल 2 नवंबर को ख़त्म हो रहा है. यहां विधानसभा की कुल 90 सीटों के लिए मतदान हो रहे हैं.
महाराष्ट्र में कुल 95,473 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जहां 895 लाख वोटर मतदान करेंगे. हरियाणा में कुल 19,425 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जहां 182 लाख वोटर अपने अधिकार का इस्तेमाल करने वाले हैं.चुनाव आयोग ने इस बार चुनावों के लिए ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीनों का इस्तेमाल करने का फ़ैसला किया है.
महाराष्ट्र में 2019 के चुनावों में बीजेपी 150 सीटों पर और शिवसेना 124 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.बची 14 सीटों पर गठबंधन के अन्य सहयोगियों को मौक़ा दिया गया है.लेकिन विपक्षी कांग्रेस और एनसीपी के लिए यह चुनाव जीवन मरण का सवाल बना हुआ है. महाराष्ट्र की नागपुर वेस्ट सीट जहां से मौजूदा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस लगातार तीसरी बार किस्मत आजमा रहे हैं, सबसे महत्वपूर्ण सीट माना जाता है. उनका मुख्य मुक़ाबला कांग्रेस के युवा नेता आशीष देशमुख से है जो दो साल पहले तक बीजेपी में थे. मुंबई का वर्ली से शिव सेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे चुनावी मैदान में हैं. ठाकरे परिवार के वो पहले सदस्य हैं जों चुनाव में उतर रहे हैं. 1966 में शिव सेना के गठन के बाद से ठाकरे परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ा है.बीजेपी राज्य प्रमुख चंद्रकांत पाटिल पुणे के कोठरूड से चुनाव लड़ रहे हैं. उनके ख़िलाफ़ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के किशोर शिंदे हैं. करजत जामखेड़ से एनसीपी प्रमुख शरद पवार के पोते रोहित पवार खड़े हैं. उनको चुनौती दे रहे हैं बीजेपी राम शिंदे जिन्होंने 2009 में और फिर 2014 विधानसभा चुनाव में इसी सीट से जीत हासिल की थी.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे पारली से अपने चचेरे भाई एनसीपी के धनंजय मुंडे के ख़िलाफ़ मैदान में हैं. इस सीट पर फिलहाल पंकजा एमएलए हैं.कराड साउथ से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चौहान, बांद्रा वेस्ट से बीजेपी के आशिष शेलार और कणकौली सीट से पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के बेटे नीलेश (बीजेपी) पर भी सबकी नजर टिकी हुई है.
हरियाणा में मुख्य मुक़ाबला सत्तारूढ़ बीजेपी, ओम प्रकाश चौटाला कांग्रेस और जननायक जनता पार्टी के बीच है. करनाल सीट से मौजूदा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर मैदान में हैं. खट्टर राज्य में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री हैं. उनका मुकाबला कांग्रेस के त्रिलोचन सिंह से है.गढ़ीसांपला किलोई सीट भी बेहद महत्वपूर्ण है जहां से कांग्रस से वरिष्ठ नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा का भविष्य दांव पर है. भूपिंदर सिंह हुड्डा 2005 से 2014 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे थे और जानेमाने जाट नेता माने जाते हैं. उनका मुख्य मुक़ाबला बीजेपी के सतीश नामदल से माना जा रहा है.सरकार में ताकतवर माने जाने वाली बीजेपी के नेता कैप्टन अभिमन्यु नारनौन्द से चुनावी मैदान में उतर रहे हैं.
कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्णपदक जीत चुकी बबीता फोगाट चरखी दादरी से बीजेपी के उम्मीदवाद के तौर पर उतरी हैं. माना जा रहा है कि उनको बड़ी चुनौती निर्दलीय उम्मीदवार सोमवीर सांगवान से मिलेगी.हाल में बीजेपी में शामिल हुए ओलंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त बड़ौदा से अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं.
21 अक्तूबर को 18 राज्यों की 51 विधानसभा सीटों और लोकसभा की कुल 2 सीटों के लिए भी उपचुनाव हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश की 11, गुजरात की 6, बिहार की 5, असम की 4, हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु की 2-2 पंजाब की 4, केरल की 5, सिक्किम की 3, राजस्थान की 2 और अरुणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश ओडिशा, छत्तीसगढ़, पुदुचेरी, मेघालय और तेलंगाना की एक-एक सीटों के लिए मतदान हो रहा है.साथ ही बिहार के समस्तीपुर और महाराष्ट्र की सतारा लोकसभा सीटों के लिए भी उपचुनाव आज हो रहे हैं.समस्तीपुर सीट पर लोक जनशक्ति पार्टी के नेता रामचंद्र पासवान की मृत्यु की वजह से चुनाव हो रहा है. एनसीपी के टिकट पर 2014 में सतारा सीट पर जीते उदयनराज भोंसले हाल में पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे जिस कारण ये सीट खाली हो गई थी.
उत्तर प्रदेशके लखनऊ की कैंट, बाराबंकी की जैदपुर, चित्रकूट की मानिकपुर, सहारनपुर की गंगोह, अलीगढ़ की इगलास, रामपुर, कानपुर की गोविंदनगर, बहराइच की बलहा, प्रतापगढ़, मऊ जिले की घोसी और अंबेडकरनगर की जलालपुर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं.उपचुनाव में सबसे अहम मानी जा रही रामपुर सीट जीतने में बीजेपी ने पूरी ताक़त लगा रखी है. साल 1980 से लगातार यहां से आज़म ख़ान ही विधायक हो रहे हैं. 1996 में केवल एकबार वो कांग्रेस उम्मीदवार अफ़रोज़ अली से हारे थे.ये सीट आज़म ख़ान के लोकसभा चुनाव जीतने से खाली हुई थी. समाजवादी पार्टी ने यहां से उनकी पत्नी और राज्यसभा सदस्य तंज़ीम फ़ातिमा को चुनावी मैदान में उतारा है.
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