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तो क्या क्रिकेट के लिए एनडीए के विधायकों ने अपनी हीं सरकार को खतरे में डाल दिया था?

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तो क्या क्रिकेट के लिए एनडीए के विधायकों ने अपनी हीं सरकार को खतरे में डाल दिया था?

सिटी पोस्ट लाइवः क्रिकेट की खुमारी सियासत पर भी ऐसी छायी है कि एनडीए के विधायकों को यह ख्याल नहीं रहा कि खेल के प्रति ऐसी खुमारी उनकी सरकार गिरा सकती है। दरअसल बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान कल एनडीए विधायक क्रिकेट के रंग में रंगे नजर आए। वे टीम इंडिया की जीत वाली तख्तियां लेकर सदन पहुंचे थे। क्योंकि कल भारत और न्यूजीलैंड के बीच सेमीफाइनल मुकाबला होना था हांलाकि कल यह मैच बारिश की वजह से सस्पेंड हो गया इसे आज पूरा किया जाएगा। लेकिन एनडीए विधायकों के क्रिकेट प्रेम में सरकार खतरे में आ गयी थी।

विधानसभा में कल विपक्ष के कटौती प्रस्ताव पर वोटिंग होनी थी। वोटिंग के दौरान एनडीए के ज्यादातर विधायक सदन से गैरमौजूद थे। माना जा रहा है कि विधायकों की गैरमौजूदगी की वजह भी क्रिकेट ही हैं वे मैच का लुत्फ लेने के लिए सदन से गायब हो गये। ऐसे में एनडीए के बेहद कम विधायक सदन में बचे और विपक्ष कटौती प्रस्ताव पर वोटिंग को लेकर अड़ा रहा। विपक्ष के वोटिंग प्रस्ताव के पारित होने का मतलब होता है सरकार का गिरना। विधानसभा में आज विपक्ष के कटौती प्रस्ताव पर वोटिंग हो गयी. सरकार ने सदन में सहकारिता विभाग का बजट पेश किया था. राजद के विधायक ललित यादव ने कटौती प्रस्ताव पेश किया था. प्रस्ताव पर चर्चा के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने ध्वनि मत यानि मौखिक वोटिंग से इसे पास कराना चाहा लेकिन विपक्षी विधायक अड़ गये. उन्होंने वोटिंग की मांग कर दी.

सदन में उस वक्त मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी मौजूद थे. दोनों ने जब सत्ता पक्ष के बेंच पर नजरें दौड़ायी तो चेहरा उड़ गया. सत्तापक्ष के तकरीबन आधे विधायक सदन से नदारद थे. उधर राजद वोटिंग की मांग पर अड़ गया.बिहार विधानसभा में दलीय आधार पर विधायकों की संख्या को देखिये. जदयू के 69 विधायक हैं तो बीजेपी के 54. वहीं लोजपा के 2 विधायक हैं. सरकार को चार निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन हासिल है. यानि सत्ता पक्ष में 129 विधायक हैं. अध्यक्ष ने जब वोटिंग के लिए घंटी बजवायी तो सदन में इसके आधे विधायक भी मौजूद नहीं थे.

पांच मिनट की घंटी के दौरान कुछ और विधायक तेजी से भागते हुए सदन में पहुंचे. विधानसभा में जब सरकार के पक्ष में वोटों की गिनती हुई तो सिर्फ 85 विधायक के वोट मिले. यानि 44 विधायक सदन से गायब थे. हांलाकि सत्र की शुरूआत से पहले एनडीए की बैठक में विधायकों को बकायदा व्हिप जारी कर सदन में उपस्थित रहने के निर्देश दिये गये थे लेकिन विधायकों ने व्हिप की भी परवाह नहीं की। सतारूढ़ दल के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार अब सदन से गैरहाजिर रहने वाले विधायकों को नोटिस भेजने की तैयारी में हैं।

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