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लोक सभा चुनाव 2019: मतदान शांतिपूर्ण सम्पन्न, औरंगाबाद में कौन मारेगा बाजी !

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लोक सभा चुनाव 2019: मतदान शांतिपूर्ण सम्पन्न, औरंगाबाद में कौन मारेगा बाजी !

सिटी पोस्ट लाइव-लोकतंत्र के महाआस्था का महापर्व आज बिहार के चार लोकसभा क्षेत्रों में सम्पन्न हो गया. बिहार में आज यानी 11 अप्रैल को चार प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मतपेटी में बंद हो गया .हालांकि कुछ छिट -पुट घटनाओं को छोड़ दें तो चुनाव शांतिपूर्ण सम्पन्न करा लिया गया.औरंगाबाद जैसे नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्रों में कुछ जगहों पर बम को भी बरामद किया गया लेकिन उसे समय रहते बम निरोधक दस्ते ने डिफ्यूज कर दिया. वोटिंग का प्रतिशत भी सभी लोकसभा क्षेत्रों में अच्छा रहा. वहीं औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो यह हमेशा से राजपूतों का गढ़ माना जाता रहा है वहाँ कांटे की टक्कर है. इस बार वहाँ एनडीए की तरफ से भाजपा के सुशील सिंह अपनी किस्मत आजमा रहे हैं तो वहीं महागठबंधन की तरफ से हम के उम्मीदवार उपेंद्र प्रसाद वर्मा मैदान में हैं.

लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए बिहार में चार सीटों के लिए हो रहे मतदान में औरंगाबाद के लोगों ने दो प्रमुख प्रत्याशियों का भाग्य तय कर दिया . औरंगाबाद में राजपूतों की आबादी सबसे अधिक है, इसीलिए इसे मिनी चित्तौड़गढ़ भी कहा जाता है.यहां साल 1952 के पहले चुनाव से अब तक सिर्फ राजपूत उम्मीदवार ही विजयी हुये हैं. यहां के लोकसभा चुनावों में सत्येंद्र नारायण सिंह और लुटन बाबू का परिवार ही आमने-सामने रहा है. लेकिन इस लोकसभा क्षेत्र के विकास की बात करें तो राजद नेता सह जिला पार्षद शंकर याद्वेन्दू का साफ़ कहना है कि पिछड़ों और दलितों के गाँव अभी भी विकास से महरूम हैं.

अगर इस सीट पर मतदाताओं के की कुल संख्या की बात करें तो 13 लाख 76 हजार 323 मतदाता है, जिनमें से पुरुष मतदाता 7 लाख 38 हजार 617 हैं. जबकि महिला मतदाता 6 लाख 37 हजार 706 हैं. वहीं अगर जातीय समीकरण की बात करें तो औरंगाबाद में राजपूतों की संख्या सबसे ज्यादा है .दूसरे स्थान पर यादव वोटर हैं जिनकी संख्या 10% है. मुस्लिम वोटर 8.5 प्रतिशत, कुशवाहा 8.5 प्रतिशत और भूमिहार वोटरों की संख्या 6.8% है . एससी और महादलित वोटरों की संख्या इस लोकसभा क्षेत्र में 19% है, जो प्रत्याशी इस 19 फीसदी वोटरों को अपने पाले में लाने में सफल होता है, उसी के सिर पर यहां का ताज़ सजता है .

कुल मिलाकर अगर देखा जाय तो मतदान शांतिपूर्ण रहा. नवादा में कुछ वोटिंग वूथों को डिस्टर्ब करने की कोशिश की गई जिसे प्रशासन ने विफल कर दिया. वहीं गया और औरंगाबाद में कुछ जगहों पर बम मिलने का मामला सामने आया जिसे प्रशासन ने समय रहते बम निरोधक दस्ते की सहायता से डिफ्यूज कर दिया. वहीं जमुई में कुछ ग्रामीणों ने वोटिंग का बहिष्कार किया तो कुछ जगहों पर ग्रामीणों ने बीडीओ पर चिराग पासवान के पक्ष में वोट करने के लिए कहने का आरोप लगाया है. वहीं हम पार्टी के सुप्रीमों जीतन राम मांझी ने चुनाव आयोग पर चुनाव के तारीखों को लेकर पक्षपात करने का आरोप लगाया है.
जे .पी. चंद्रा की रिपोर्ट

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