“विशेष” : शादी समारोह में फिर चली गोली, युवक की गई जान
सिटी पोस्ट लाइव “विशेष” : बीते 20 फरवरी को सहरसा के विराटपुर गाँव में एक शादी समारोह के दौरान ताबड़तोड़ गोलाबारी में आर्केस्टा नर्तकी आकृति सिंह की हुई मौत के सदमे से अभी इलाके के लोग उबरे भी नहीं थे कि बीती रात सहरसा के बनगाँव थाना के चैनपुर गाँव में फिर से एक शादी समारोह में हुई गोलीबारी में एक युवक को अपनी जान गँवानी पड़ी। घटना बेहद दुःखद और दिल को दहलाने वाली है। इस हादसे में मिली जानकारी के अनुसार चैनपुर गाँव में सुनील झा की पुत्री की शादी थी। शादी में ग्रामीणों के साथ-साथ बाहर से आये अतिथि भी जमा थे। इसी दौरान बारात आ गयी ।बारात आने की खुशी में गोलाबारी शुरू हुई और इसी गोलीबारी में अमित कुमार नाम के युवक की मौत हो गयी।
हांलांकि गोली लगने के बाद कुछ युवकों ने उसे बचाने के लिए सफारी गाड़ी से सदर अस्पताल लाया लेकिन उसकी मौत अस्पताल पहुंचने से पहले ही हो चुकी थी। मृतक युवक के बारे में संग्रहित जानकारी के मुताबिक मृतक सहरसा सदर थाना के विद्यापति नगर का रहने वाला था। जिस लड़की की शादी हुई,उसका भाई विकास झा उसका दोस्त था। पुलिस अधिकारियों ने शव का पोस्टमार्टम करवा कर, शव को परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस अधिकारी ने अभी हत्या के स्पष्ट कारणों का खुलासा नहीं किया है। पुलिस ने पटना नं० BR 01PE 6807 सफारी गाड़ी को अपने कब्जे में ले लिया है। इसी गाड़ी से घायल युवक को लाने वाले युवक करण टायगर, शुभम मिश्रा और लड़की के भाई विकास झा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
अभी करण टायगर भी जख्मी है,जो की पुलिस अभिरक्षा में एक निजी क्लिनीक में ईलाजरत है। सदर एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी पुरे मामले की छानबीन में जुट गये हैं। उन्होंने मृतक के परिवार के लोगों को आश्वाशन दिया है कि जल्द ही पुरे मामले की जाँच कर इस हत्याकांड का खुलासा कर लिया जाएगा। मृतक तीन भाइयों में मंझला है ।हत्या के बाद घरवालों एवं परिजनों में कोहराम मच गया है। वैसे हमें जो विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है,उसके मुताबिक मृतक युवक देशी पिस्टल से खुद फायर कर रहा था। कई चक्र उसने गोलियां चलाई लेकिन एक गोली पिस्टल में फंस गयी, जिसे वह निकालने की कोशिश करने लगा। इसी कोशिश में ट्रिगर दब गया और गोली उसके सीने को चीरते हुए आर-पार हो गयी। अब पुलिस उन युवकों को हिरासत में लेकर तफ्तीश कर रही है, जिन युवकों ने मृतक अमित को बचाने की कोशिश की थी और उसे घायल अवस्था में लेकर सदर अस्पताल पहुँचे थे।
इन दोनों हत्याओं में पुलिस ने लड़की के भाई को अपने शिकंजे में लिया है ।बड़ा सवाल है कि जिसकी बहन की शादी होगी, वह मेहमान नवाजी में रहेगा या फिर गोलियाँ बरसायेगा? वैसे सहरसा पुलिस के काम करने का तरीका बिहार के अन्य जिलों की पुलिस से अलग है। यहाँ चमत्कार करने वाले पुलिस अधिकारियों की बड़ी खेप है। इस घटना का जो भी नतीजा निकले लेकिन शादी समारोह,एक बार फिर से एक युवक की मौत का गवाह बना। आखिर शादी और अन्य समारोह में गोलबारी से क्या मिलता है? ऐसी गोलीबारी को रोकने के लिए पुलिस कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठा रही है? क्या कानून ऐसी फायरिंग की ईजाजत देता है? नृत्यांगना आकृति और अमित दिवंगत होकर व्यवस्था के लिए कई सवाल छोड़ गए हैं।
पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष” रिपोर्ट
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