आजसू ने सवर्णों को आरक्षण के फैसले को जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताया
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: आजसू उपाध्यक्ष हसन अंसारी ने कहा कि आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण सही है, लेकिन जल्दबाजी में लिया गया फैसला लगता है। अब इस निर्णय को संविधान और न्यायालय की नजर में खरा उतरना होगा। अंसारी ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि सवर्णों के लिये आर्थिक पिछड़ापन का मानक, सालाना आठ लाख (66 हजार महीना) आय से कम अथवा 12.5 एकड़ से कम जमीन के मालिक तय किया गया। वैसे तो गरीबी रेखा 72 हज़ार सालाना आय को मान्यता प्राप्त है। इस दोहरी मानक को सरकार को स्पष्ट करना होगा। वैसे आठ लाख का मानक स्वागत योग्य है। अंसारी ने कहा कि इस विधेयक में जो मानक तय किया गया, उसमें झारखंड के 90 प्रतिशत से ज्यादा सवर्ण इसके दायरे में आ सकेंगे। अबतक सरकार सुप्रीम कोर्ट के बहाने, प्रदेश के पिछड़े वर्गों को 27 प्रतिशत आरक्षण से वंचित रखी। नये फैसले से यह साबित हो गया कि सरकार चाहे तो पिछड़ा वर्ग आरक्षण में तुरंत सुधार कर सकती है। उन्होंने कहा कि पार्टी की मांग है कि इस संबंध में राज्य सरकार अपनी स्थिति स्पष्ट करे और तत्काल राज्य में पिछड़े वर्ग के लिये, मंडल आयोग द्वारा निर्धारित 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करे। इसी प्रकार अनुसूचित जाति के लिए 14 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के कोटा को बढ़ाकर 32 प्रतिशत किया जाये।
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