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“आक्रोश” : मोहम्मद चांद की हत्या से आक्रोशित लोगों ने शव के साथ किया सड़क जाम और आगजनी

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“आक्रोश” : मोहम्मद चांद की हत्या से आक्रोशित लोगों ने शव के साथ किया सड़क जाम और आगजनी

सिटी पोस्ट लाइव : बीते कल शाम में सदर थाना के सहरसा बस्ती में गोली मार कर टेम्पू चालक मोहम्मद चाँद की हुई हत्या से बौखलाए और आक्रोशित लोगों ने सुबह नौ बजे से से ही डुमरैल चौक को जाम कर दिया। आक्रोशित लोगों ने सड़क पर टायर जलाकर और बांस-बल्ले सहित बस को खड़ी कर पूरी तरह से यातायात को ठप्प कर दिया है। लोग शव को बीच सड़क पर रखकर पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सहरसा पुलिस की हीला-हवाली और ढुलमुल रवैये से यहां कोई सुरक्षित नहीं है। लगातार दिनदहाड़े बेखौफ अपराधी घटना को अंजाम दे रहे हैं और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है।स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस जल्द से जल्द हत्या में संलिप्त अपराधियों को गिरफ्तार करे और मृतक के परिजन को उचित मुआवजा दे।

लोगों का अधिक आक्रोश सहरसा एसपी राकेश कुमार को लेकर था। लोगों का कहना था कि उन्होंने पहला ऐसा एसपी देखा है जो अपने कार्यालय और आवास से निकलते ही नहीं हैं। यह एसपी एसी और हीटर प्रेमी हैं। इन्हें जनता की सुरक्षा से कोई लेना-देना नहीं है। लोगों ने बड़े दुःखद अंदाज में कहा कि उनलोगों ने आजतक एसपी को देखा भी नहीं है कि वे कैसे दिखते हैं। लोग लगातार एसपी सहित तमाम पुलिस अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। वाकई सहरसा में अपराधी बेलगाम हैं और लगता है कि अपराधियों पर नकेल कसने में सहरसा पुलिस बिल्कुल असफल चुकी है। जिस जिले का पुलिस कप्तान ही एक्टिव ना हो,वहां अपराध होना लाजिमी है। सहरसा अपराध के मामले में पूरे सूबे के रिकॉर्ड तोड़ने पर आमदा है। जाम करने वाले अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं लेकिन उन्हें यह पता नहीं है कि एसपी राकेश कुमार को अपना विरोध बर्दास्त नहीं होता है।

वे गुस्से और तल्ख रंग में आ जाते हैं और समाजसेवी सहित पत्रकार पर मुकदमा भी दर्ज करवाते हैं। उनके लिए मर्डर सहित अन्य बड़ा से बड़ा संगीन अपराध कोई मायने नहीं रखता है। लगता है कि सरकार ने उन्हें अपराध का तमाशा देखने भर के लिए सहरसा एसपी बनाया है। जाम करने वालों लाश को दफना दो, वर्ना यह एसपी मुकदमा करवा देगा। बड़ा सवाल यह है कि जब इस एसपी से जिला नहीं संभल रहा है, तो यह सहरसा छोड़ क्यों नहीं रहे हैं? ये सरकार से मिन्नत कर के सहरसा छोड़ दें। अभी जनता पागल नहीं हुई है। अगर पागल हुई तो,सबक सिखा कर रहेगी।

पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट

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