City Post Live
NEWS 24x7

नए साल के दूसरे दिन ही किशोर को अपराधियों ने लॉज में घुसकर मारी गोली, पीएमसीएच रेफर

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

नए साल के दूसरे दिन ही किशोर को अपराधियों ने लॉज में घुसकर मारी गोली, पीएमसीएच रेफर

सिटी पोस्ट लाइव : नए साल 2019 के दूसरे दिन ही आज दिनदहाड़े सदर थाना के लक्ष्मीनियाँ चौक स्थित होम्योपैथी कॉलेज के समीप लॉज में रह रहे प्रिंस यादव नाम के एक किशोर को तीन अपराधियों ने लॉज में घुसकर गोली मार दी। अपराधियों ने गोली प्रिंस के सीने में मारी और वहां से उड़न छू हो गए। तीनों अपराधी बाईक पर सवार थे। जख्मी किशोर को स्थानीय लोगों ने उठाकर गंगजला चौक स्थित निजी गायत्री नर्सिंग होम में भर्ती कराया। नर्सिंग होम के डायरेक्टर डॉक्टर रंजेश कुमार सिंह ने बताया कि गोली जख्मी के सीने के आर-पार हो गयी है। गोली ने लिवर और फेफड़े को भी नुकसान पहुंचाया है। उसकी स्थिति बेहद नाजुक है। स्थिति को देखते हुए बेहतर चिकित्सा के लिए उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया गया। जख्मी ने बेहोश होने से पहले तीन आरोपी के नाम बताएं हैं जिनका नाम रवि यादव, अजय यादव और दीपक यादव है, जो सदर थाना के ही डुमरैल के रहने वाले हैं।

जख्मी प्रिंस जिले के पहाड़पुर गाँव का रहने वाला है और लॉज में रहकर पढ़ाई कर रहा था। इस साल वह मैट्रिक की परीक्षा देने वाला है। इधर घटना की सूचना पर नर्सिंग होम पहुँचे सदर एसएचओ आर.के.सिंह से जब हमने घटना को लेकर सवाल किए, तो उनके बोलने का लहजा ऐसा था, मानो की कोई बड़ी घटना घटी ही नहीं है। बस वे यह बोलते रहे कि जांच कराई जा रही है। बड़ा सवाल है कि गोली मारी गयी है और पुलिस को आरोपी को पकड़ना है। लेकिन यह पुलिस अधिकारी अपनी जबाबदेही और जिम्मेवारी से पल्ला झाड़ते रहे। सहरसा में गोलीबारी और चाकूबाजी एक फैशन बन चुका है। पुलिस के लिए आपराधिक घटनाओं पर लगातार हीला-हवाली भरा रवैया, उनके बिगड़ैल कार्यशैली का जिंदा इश्तहार है। घटना किस वजह से घटी है,इस बात का अभीतक खुलासा नहीं हुआ है।

लेकिन हद की इंतहा यह है कि घटना डेढ़ बजे दिन की है और पुलिस अभीतक किसी आरोपी के घर पर नहीं गयी है। अगर पुलिस की इस ढ़ीली कारवाई पर जनता अपना आक्रोश दिखाएगी, तो सहरसा के पुलिस कप्तान राकेश कुमार उनपर मुकदमा कराएंगे ।हम खुले सफे से कह रहे हैं कि सहरसा में पुलिस की नहीं बल्कि अपराधियों की हुकूमत है। पुलिस बैकफुट पर महज अपराध के आंकड़ों को संभाल रही है। सहरसा के लोगों की जिंदगी अपराधियों की मेहरबानी पर टिकी हुई है। सहरसा पुलिस पिछले दरवाजे से कैसे मोटी उगाही होगी, बस इस फिराक में अपनी मुस्तैदी दिखा रही है।

पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट

- Sponsored -

-sponsored-

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

- Sponsored -

Comments are closed.