बिहार बोर्ड के छात्रों को क्यों आते हैं कम नंबर, बता रहे हैं आनंद किशोर
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार बार्ड अपने कारनामों की वजह से देश दुनिया में बिहार की जग हंसाई कर चूका है. कभी फेल को टॉप कराने को लेकर तो कभी आईआईटी के इन्ट्रेन्स क्लियर करनेवाले छात्रों को थर्ड डिवीज़न का छात्र साबित करने के कारण. पॉलिटिकल साइंस ठीक से नहीं लिख पानेवाली छात्र रूबी को टॉप क़रा कर तो आईआईटी के इन्ट्रेन्स क्लियर करने वाले छात्रों को बोर्ड में कम मार्क्स देकर उन्हें अच्छे कॉलेज में नामांकन लेने से वंचित कर देनेवाला बिहार बोर्ड हमेशा चर्चा में रहा है. लेकिन आगे से ऐसा नहीं होगा. ये आश्वासन बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर दे रहे हैं.
एकबार फिर से इंटर और मैट्रिक की परिक्षाएं फरवरी महिने से शुरू होनेवली हैं. बिहार बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने परीक्षाओं में छात्रों द्वारा लिखें गए उत्तर पस्तिकाओं के मूल्यांकन को लेकर यह बड़ा बयान दिया है.बिहार बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा है कि बिहार के छात्रों में मेधा की कमी नहीं है. जरूरत है तो इनके सही मूल्यांकन की. उन्होंने कहा कि उत्तर पुस्तिकाओं के सही मूल्यांकन की जरूरत है. उन्होंने यह भी कहा कि इस बार उत्तर पुस्तिकाओं को लेकर सही मूल्यांकन करने के लिए बोर्ड ने तैयारियां कर ली है. उन्होंने कहा कि उत्तर पुस्तिकाओं के सही मूल्यांकन के लिए सभी जिलों में शिक्षकों को ट्रेनिंग दी गई है. उन्होंने कहा कि इस दौरान आंसर सीट में सही मार्किग के लिए स्टैप्स की जानकारी टीचरों को दी गई है.
गौरतलब है कि बिहार बोर्ड में कम नंबर आने के कारण ही अच्छे ओर मेधावी छात्रों का चयन दिल्ली विश्वविधालय जैसी संस्थानों में नहीं हो पाता हैं. पिछली बार भी ऐसी बहुत सी खामियां सामने आई थी जिसके कारण बिहार बोर्ड के कई छात्र आईआईटी के इन्ट्रेन्स क्लियर करने के बाद भी बोर्ड में कम मार्क्स आने के कारण इसमें दखिला नहीं ले सके थे.लेकिन इसबार अध्यक्ष परीक्षा की कापियों के सही मूल्यांकन की व्यवस्था सुनिश्चित कर लेने का दावा कर रहे हैं. यानी इसबार पढनेवाले मेधावी छात्र ही टॉपर की लिस्ट में होगें.कोई रूबी टॉपर नहीं बनेगी.
गौरतलब है कि पीछले कर्इ् सालों से अपने द्वारा लिए जा रही बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बिहार बोर्ड बिहार की जग-हंसाई करा चुका है. लेकिन इस बार एकबार फिर से बिहार बोर्ड ने साफ सुथरी परीक्षा कराने का वादा किया है. बिहार बोर्ड ने इस बार मैट्रिक और इंटर दोनों की परीक्षाएं फरवरी महिने में लेने का निर्णय किया है.
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