#citypostlive दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय अब महाविद्यालयों और पीजी विभागों का शैक्षणिक एवं प्रशासनिक आॅडिट कराएगा। कुलपति प्रो. सुरेन्द्र कुमार सिंह ने सभी स्नातकोत्तर विभागों एवं अंगीभूत महाविद्यालयों को इस का आदेश जारी कर दिया है। इसके तहत कालेजों एवं स्नातकोत्तर विभागों के प्रदर्शन का व्यापक आकलन किया जायगा। पाठ्यक्रमों एवं शिक्षकों के साथ ही उनमें हो रहे शोध के स्तर सहित छात्रों के प्रदर्शन आदि विभिन्न पैमाने पर आकलन करने हेतु जानकारी मांगी जा रही है। इस हेतु विश्वविद्यालय के आइ.क्यू. ए.सी. द्वारा एक प्रारूप बना लिया गया है। इस आशय का पत्र आई.क्यू. ए.सी. के समन्वयक प्रो. रतन कुमार चौधरी के हस्ताक्षर से सभी अंगीभूत महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों तथा स्नातकोत्तर विभागों के विभागाध्यक्षों को प्रेषित किया गया है। पत्र का प्रारूप विश्वविद्यालय संवाद पर तो उपलब्ध कराया ही गया है। साथ ही सबों के मेल पर भी भेजा जा रहा है। पत्र के अनुसार सभी विभागाध्यक्षों एवं प्रधानाचार्यों से अनुरोध किया गया है कि निर्धारित प्रारूप को भरकर विश्वविद्यालय विकास पदाधिकारी के कार्यालय में दिनांक 07 जनवरी 2019 तक जमा कर दिया जाय। सनद रहे कि राजभवन ने उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार एवं प्रतिस्पर्धा कायम करने हेतु हाल में ही ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय सहित सूबे के सभी विश्वविद्यलयों में छात्रों, शिक्षकों, प्रधानाचार्यों एवं महाविद्यालयों से कुलाधिपति अवार्ड हेतु आवेदन मांगा है। आवेदन का फार्मेट सभी अंगीभूत , सम्बद्ध डिग्री महाविद्यालयों, बी. एड. महाविद्यालयों को मेल पर भेज दिया है। इधर राजभवन अकाडमिक आॅडिट के अनिवार्य करने की तायारी कर रही है, परन्तु ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सिंह ने अकादमिक एवं प्रशासनिक आडिट कराने का निर्णय ले लिया है। आज तक लेखा का आॅडिट तो विश्वविद्यालयों का होता रहा है परन्तु विश्वविद्यालय का अकाडमिक या प्रशासनिक आॅडिट पहली बार हो रहा है।
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