कुशवाहा का नया पैंतरा- लालू को बताया राजनीति का इतिहास, तेजस्वी को ट्रेनी
सिटी पोस्ट लाइव : रालोसपा सुप्रीमो उपेन्द्र कुशवाहा क्या करेगें क्या नहीं, इसको लेकर कोई आश्वस्त नहीं है. कभी उपेन्द्र कुशवाहा तेजस्वी यादव से मिलते हैं और कभी उनके पिता लालू यादव को बिता हुआ कल और उन्हें राजनीति का नौसिखुआ बताकर तमाम अटकलों पर पानी फेर देते हैं. उपेन्द्र कुशवाहा ने एनडीए सीट शेयरिंग और बिहार में कैबिनेट विस्तार को लेकर एकबार फिर से एक बड़ा बयान दिया है. सीट शेयरिंग के मामले पर उन्होंने कहा कि हमारा जनाधार बढ़ा है और हमे हमारे औकात के हिसाब से सीट मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि संगठन ओर बीजेपी को इसका आकलन करना चाहिए.
गठबंधन में उनकी पार्टी के अलग होने की बात पर कुशवाहा ने कहा कि हमारा गठबंधन 2014 में दो पाटियों बीजेपी और लोजपा से हुआ था. हमारा जेडीयू से कोई गठबंधन नहीं है. अगर ऐसी कोई पहल बीजेपी करती है तो हम आगे सोंचेंगे. जब उनसे पूछा गया कि क्या आपको एनडीए में तवज्जो नहीं मिल रहा है, उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि अगर तवज्जु नहीं मिलता तो सीटों की घोषणा दिल्ली में नीतीश और अमित शाह के प्रेस कांफ्रेंस के कुछ दिन बाद ही हो गई होती.
कुशवाहा ने सीटो के शेयरिंग और बिहार कैबिनेट में अपनी पार्टी को जगह देने के सवाल पर कहा कि जब लाभ की बात थी तो हमारी पार्टी को नही साथ लिया गया और अब हमें ही नुकसान उठाने को कहा जा रहा है.कुशवाहा ने कहा कि हमारी पार्टी बासी भात नहीं खानेवाली. नीतीश कुमार के कुशवाहा को नीच कहने वाले बयान पर उन्होंने कहा कि उन्हे अपना बयान वापस लेना चाहिए. मैने अमित शाह से भी इस बाबत बात की है और पत्र भी लिखा है.
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और नीतीश कुमार में से बड़ा नेता कौन, पूछे जाने पर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि लालू यादव इतिहास की बात हो गए हैं. जहांतक तेजस्वी यादव का सवाल है, वो अभी राजनीति की ट्रेनिंग ले रहे हैं.उपेन्द्र कुशवाहा के इस स्टैंड से उनकी पार्टी के नेता भी कन्फ्यूज्ड हैं. उनकी समझ में नहीं आ रहा कि उपेन्द्र कुशवाहा एनडीए के साथ बने रहेगें या फिर आरजेडी में जायेगें. सूत्रों के अनुसार उपेन्द्र कुशवाहा एकतरफ लालू यादव के संपर्क में लगातार बने हुए हैं, दूसरी तरफ खुल्लेयम उन्हें इतिहास की बात और उनकी पार्टी की कमान संभल रहे तेजस्वी यादव को नौ-सिखुआ नेता बता रहे हैं.
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