राज्य के 28लाख किसानों को मोबाइल देगी सरकार : मुख्यमंत्री
सिटी पोस्ट लाइव, रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि अन्नदाता किसान राज्य सरकार के आमंत्रण को स्वीकार करें और 29 और 30 नवंबर को रांची में आयोजित ग्लोबल एग्रीकल्चर एंड फूड सम्मिट के ब्रांड एंबेसडर बनें। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर का यह एग्रीकल्चर एंड फूड सम्मिट का उद्देश्य कृषि और किसानों का सर्वांगीण विकास है। सम्मिट के माध्यम से यहां के किसान लाभान्वित हों, तकनीक आदान-प्रदान हो, अन्य राज्यों और देश के किसानों की कार्यप्रणाली से हम अवगत होकर इसे झारखण्ड में लागू करें। यही सरकार का लक्ष्य है। ज्ञान आधारित युग में ज्ञान आधारित राज्य का निर्माण करें। क्योंकि वही परिवार, समाज, राज्य और देश आगे बढ़ेगा जिसके पास ज्ञान और विशेषताओं का भंडार है। परिवर्तन एकाएक नहीं होता, इसमें धैर्य की जरूरत होती है और फिर कृषि एक सामाजिक परिवर्तन है। इस परिवर्तन को परिलक्षित करने के लिए आप सभी को इजरायल भेजा गया ताकि आप जान सके कि कम संसाधन में उन्नत .षि कैसे की जा सकती है। यह इसलिए जरूरी था क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था और संस्.ति से कृषि जुड़ी हुई है। उपरोक्त बातें मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास ने कही। मुख्यमंत्री शनिवार को रांची स्थित प्रोजेक्ट भवन में आयोजित कृषि समागम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमें मिलकर सुनिश्चित करना है कि हम कृषि को कैसे आगे बढ़ाएंगे। किसान भाई को वह आश्वस्त करना चाहते है कि उनके उत्पाद को बाजार राज्य सरकार प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलते वक्त के साथ तकनीक में परिवर्तन आया है। सभी डिजिटल युग में हैं। प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया की कल्पना कर कार्य कर रहें हैं। तो क्यों ना हम डिजिटल झारखंड की कल्पना करें। किसान भाइयों को कृषि से संबंधित नई जानकारियों से आच्छादित करने के उद्देश्य से आगामी बजट में राज्य सरकार 28 लाख किसानों को मोबाइल फोन प्रदान करेगी, ताकि बिचैलिया और भ्रष्टाचार में लिप्त लोगों से मुक्ति मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष बारिश कम हुई है। बारिश कम होने से धान की फसल को नुकसान हुआ है। इस नुकसान का आकलन करने का निर्देश दे दिया गया है। 10 नवंबर तक इससे संबंधित जानकारी प्राप्त होगी। आपदा के तहत 100 करोड़ के बजट सुखाड़ प्रभावित किसानों के लिए किया गया है। साथ ही, 18 नवंबर को राज्य के सभी जिलों में फसल बीमा योजना से संबंधित शिविर लगाने का निर्देश भी दिया गया है, जिससे समय रहते किसानों को इस योजना का लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही फसल से संबंधित किए जा रहे इंश्योरेंस प्रथा को समाप्त किया जाएगा। सरकार की मंशा है कि इस हेतु एक ट्रस्ट का निर्माण हो और ट्रस्ट के द्वारा ही भुगतान सुनिश्चित हो।
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