मुजफ्फरपुर फॉर्मर मेयर मर्डर मिस्ट्री : खुल गए हैं सारे राज, हंगामा करने पहुंच रहे हैं पप्पू यादव
सिटी पोस्ट लाइव : मुजफ्फरपुर में पूर्व मेयर समीर कुमार की हुई हत्या के पीछे शंभू-मंटू गिरोह के शूटरों का हाथ था, ये बात लगभग साफ़ हो गई है. इस हत्या की वारदात के तार जमीन के सौदे से जुड़ रहे हैं.. जमीन डील को लेकर हुए विवाद में समीर कुमार के सिंडिकेट पार्टनर रह चुके श्याम नंदन मिश्रा का नाम इस हत्याकांड में सामने आया है. खास बात कि जिस जमीन को लेकर इतनी बड़ी वारदात हुई, उस जमीन में सबसे अधिक पूंजी लगाने वाले इन्वेस्टर जेडीयू के एमएलसी दिनेश सिंह हैं. सूत्रों के अनुसार एमएलसी दिनेश सिंह ने उसमें लगभग 15 करोड़ रुपये का निवेश किया है.सबसे ख़ास बात जिस दिन समीर कुमार की हत्या हुई, दिनेश सिंह देश से बाहर थे.
ये खुलासा समीर कुमार हत्याकांड मामले में अबतक गिरफ्तार लोगों के पहले फर्द बयान में सामने आई हैं. यह फर्द बयान जेल में बंद सुशील छापड़िया का है. पुलिस की ओर से उससे तीन पेज में लिये गये फर्द बयान में कई चौंकाने वाले तथ्यों का खुलासा हुआ है. सुशील छापड़िया ने पुलिस के सामने कई हैरतअंगेज खुलासे किये हैं. इसी फर्द बयान में शंभू-मंटू गिरोह का नाम सामने आया है. छापड़िया मुजफ्फरपुर के सबसे झोल मारवाड़ी’ के रूप में चर्चित हैं.गौरतलब है कि 23 सितंबर को समीर कुमार की हत्या हुई थी और उसी रात मुजफ्फरपुर के तत्कालीन एसएसनी हरप्रीत कौर ने सुशील छापड़िया को हिरासत में लिया था.
बाद में पुलिस ने सुशील छापड़िया को एक करोड़ की ठगी के मामले में गिरफ्तार कर लिया था. अभी भी वह जेल में बंद है. इसी बीच एसएसपी हरप्रीत कौर का तबादला हो गया. अब वहां के एसएसपी मनोज कुमार हैं. एसएसपी मनोज कुमार के निर्देश पर लिये गये फर्द बयान में सुशील छापड़िया ने मुजफ्फरपुर में जमीन के खतरनाक डील का कच्चा चिट्ठा पुलिस के सामने खोलकर रख दिया है. छापड़िया ने जमीन के इस खतरनाक खेल में और कौन कौन खिलाड़ी शामिल हैं, उसका खुलासा भी छाबडिया ने कर दिया है.छाबडिया ने समीर कुमार की हत्या करनेवाले शूटर गोविंद और सुजीत के नाम का भी खुलासा किया है. सुशील छापड़िया ने पुलिस को बताया है कि मौत के इस खतरनाक खेल के पीछे मुजफ्फरपुर में कल्याणी की 19 कट्ठा जमीन है. इसका पहला सौदा 2016 में लगभग 13 करोड़ में हुआ था . फिर वह रद्द हो गया. बाद में इस भूखंड का दोबारा सौदा हुआ. समीर कुमार के इस सिंडिकेट में आशुतोष शाही, श्याम नंदन मिश्रा समेत कई नाम सामने आए. लेकिन मामला तब उलझ गया, जब चंद्रलेखा सिंह के साथ कम पैसे के लेन-देन को लेकर समीर कुमार ने श्याम नंदन मिश्रा को सिंडिकेट से बाहर कर दिया. इतना ही नहीं, उनके साथ मारपीट भी की गई. कहा जाता है कि इसके बाद से श्याम नंदन मिश्रा उनकी जान के दुश्मन बन गये.
फर्द बयान के अनुसार मामला इतना आगे बढ़ गया कि मिश्रा ने शंभू-मंटू गिरोह से संपर्क साधा. गिरोह ने आशुतोष शाही समेत अन्य लोगों को समीर कुमार से दूर रहने की चेतावनी दी. फिर पिछले माह 23 सितंबर को ऐसा खूनी खेल खेला गया. रविवार की सरेशाम समीर कुमार को शूटरों ने एके-47 से भून दिया. इसके बाद पुलिस महकमे से लेकर राजनीतिक महकमे में अफरातफरी मच गयी. सरकार के इकबाल पर सवाल उठने लगे. बढ़ते क्राइम को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया.
बहरहाल, सुशील छापड़िया के फर्द बयान के बाद शंभू-मंटू गिरोह के इस हत्या में शामिल होने का खुलासा हो चूका है. हत्या की साजिश करनेवाले पार्टनर श्याम नंदन मिश्रा भी पुलिस रडार पर है . सहारा इंडिया की जमीन डील में पैसे लगाने वाले कई निवेशकों के भी नाम उजागर हुए हैं. इसी में सबसे अधिक 15 करोड़ लगाने वाले जेडीयू के रूप में एमएलसी दिनेश सिंह का नाम भी फर्द बयान में सामने आया है.
अब रविवार को जाप के संरक्षक ,मधेपुरा सांसद मुजफ्फरपुर पहुँच रहे हैं. उन्होंने सिटी पोस्ट लाइव को बताया कि उन्होंने पहले ही इस हत्याकांड में जेडीयू नेता के शामिल होने का खुलासा कर दिया था.पप्पू यादव का आरोप है कि सरकार उन्हें बचा रही है. पप्पू यादव ने कहा कि जेडीयू नेता की भूमिका की जांच की मांग उठाने के लिए वो मुजफ्फरपुर जा रहे हैं.
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