सिटी पोस्ट लाइव : बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सबसे बड़ा यूएसपी कानून व्यवस्था है. कानून व्यवस्था के मुद्दे पर वो कोई समझौता करने के मूड में नहीं हैं. आज पुलिस हेड क्वार्टर में एडीजी लॉ एंड आर्डर एके सिंघल ने प्रेस कांफ्रेंस कर अपराध नियंत्रण का दावा ऐसे ही नहीं किया. उन्हें पता है कि आलाकमान का मिजाज कानून-व्यवस्था को लेकर गर्म है. वो पूरी व्यवस्था को ही बदल देने का मूड बना चुके हैं. ऐसे में अपराध पर काबू पाने का दावा कर पुलिस मुख्यालय ने उन्हें शांत करने की कोशिश की है. लेकिन क्या यह कोशिश कामयाब होगी?
आज मंगलवार चार सितंबर को बिहार के लॉ एंड ऑर्डर पर बड़ी मीटिंग करने वाले थे . डीजीपी और बिहार पुलिस मुख्यालय के बड़े अधिकारियों समेत सभी जिलों के एसपी को भी मीटिंग में जिलों की रिपोर्ट के साथ हाजिर होना था . इधर के दिनों में बिहार भर में अपराध की जो बड़ी घटनाएं घटी हैं, उसे लेकर नीतीश कुमार बेहद नाराज हैं, यह बात किसी से छिपी हुई नहीं है. ये भी सबको पता है कि नीतीश कुमार किसी कीमत पर लॉ एंड ऑर्डर को लेकर समझौता करनेवाले नहीं हैं. फिर आखिरी क्षण में उन्होंने लॉ एंड आर्डर पर होनेवाली बैठक क्यों टाल दी? सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार पुलिस मुख्यालय से लेकर जिलों तक पुलिस महकमे में बड़े पैमाने पर फेर-बदल की योजना बना चुके हैं. इसी वजह से उन्होंने यह बैठक स्थगित कर दी है.
सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार ने यह बैठक निकम्मे पुलिसवालों को और कुछ दिनों की मोहल्लत देने के लिए नहीं की है. वो पुलिस मुख्यालय से लेकर जिलों के एसपी के तबादलों की सूची बना चुके हैं. यह सूची अब उनके टेबल पर है केवल उसपर उनका हस्ताक्षर होना है. सूत्रों के अनुसार अब यह बैठक नीतीश कुमार बिहार पुलिस में पहले बदलाव करने के बाद ही करेगें. वो अब वैसे अधिकारियों के साथ मीटिंग कर अपना वक्त बर्बाद नहीं करना चाहते ,जिन्हें आगे मौका देना ही नहीं है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो पुलिस और प्रशासन के डे-टुडे के काम में हस्तक्षेप नहीं करते. पुलिस को अपने हिसाब से काम करने की पूरी आजादी देते हैं. किसी को बचाने फंसाने के लिए नहीं कहते. लेकिन इसके वावजूद भी अगर कोई लॉ एंड आर्डर को मेन्टेन करने में अक्षक हो तो उसे बख्सते भी नहीं. तोडा इंतज़ार करिए पुलिस महकमे पर नीतीश कुमार का जोरदार डंडा चलना तय है.
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