सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के भोजपुर के बिहिया में महिला के चीरहरण कर उसका जुलूस निकाले जाने की शर्मनाक घटना पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है. आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भी नोटिस भेजकर चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है.
आयोग ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया है कि पीड़ित महिला और उनके परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए. साथ ही यह सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी अपराधी पीड़ित या उनके परिजनों को डरा-धमका न सकें. वहीं मुख्य सचिव से मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है. आयोग ने बिहिया के बारे में मीडिया रिपोर्ट पढ़ने के बाद स्वतः संज्ञान लिया है.आयोग का कहना है कि भोजपुर के बिहिया में एक युवक की संदेहास्पद मौत में शामिल होने के शक में एक महिला को भीड़ ने न सिर्फ बुरी तरह पीटा, बल्कि उसके कपड़े उतारकर जुलूस भी निकाला. यह मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है.
आयोग ने इसे बेहद गंभीर मामला बताते हुए कहा कि बिहिया में युवक के जीने के अधिकार के साथ ही पीड़ित महिला के जीवन और गरिमा के अधिकारों का भी हनन हुआ है. मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने और कुछ पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई को आयोग नाकाफी मान रहा है. नोटिस भेजने के दौरान आयोग ने माना है कि बिहिया की घटना साफ तौर पुलिस अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही का संकेत है.
सोमवार को बिहार के भोजपुर जिले के बिहिया बाजार में इंटर के एक छात्र का शव मिलने के बाद जमकर बवाल मचा था. इसके बाद एक महिला भीड़तंत्र का शिकार हुई थी. मामले में 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं विभागीय कार्रवाई में आठ पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया. मामले को लेकर प्रदेश में राजनीति भी तेज हो गई है.उपद्रव के दौरान भीड़ का निशाना बनीं पीड़ित की देखभाल का जिम्मा अल्पावास गृह को मिला है.महिला को मानसिक तौर पर भी आघात पहुंचा है और उसे अंदरूनी चोटें भी लगी हैं.
भीड़ का शिकार बनीं महिला के पुत्र को भी पुलिस ने अपनी निगरानी में रखा है. उसे किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा है. सोमवार को भीड़ ने महिला के मोहल्ले को भी निशाना बनाया था और चार घरों समेत बाइक और एक दुकान को आग के हवाले कर दिया था.
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