सिटी पोस्ट लाइव : सीबीआइ की टीम पूर्व समाज कल्याण मंत्री के घर पूरी तैयारी के साथ पहुंची थी. ब्रजेश ठाकुर के साथ उनके संबंध को लेकर जुटाए गए साक्ष्य को लेकर ही उनके घर पूछताछ के लिए पहुंची थी. मंजू वर्मा और उनके पति से उन दस्तावेजों के आधार पर नौ घंटे तक पूछताछ चली. इनमें कई ऐसे दस्तावेज भी शामिल थे, जिनसे ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ से मंजू वर्मा व उनके पति के संबंधों का खुलासा होता है. सीबीआइ के सूत्रों के अनुसार उसके पास कई ऐसी संचिकायें हाथ लगी हैं, जिसमें विभाग ने प्रावधानों के विपरीत जाकर ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ की मदद की है. इनमें कई ऐसे भी कागजात हैं जिससे स्पष्ट होता है कि ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ की ऑडिट रिपोर्ट प्राप्त किए बिना ही विभाग ने उसे नया फंड उपलब्ध कराया .
पूछताछ के दौरान सीबीआइ ने मंजू वर्मा के कई हस्ताक्षरों का भी सत्यापन कराया. जब कुछ सवालों के जवाब देने में मंजू वर्मा और उनके पति परेशान होने लगे, और हर सवाल के जबाब में जब ये कहने लगे कि ये तो उनके पीए को पता होगा तब सीबीआई के अधिकारियों ने उनके आप्त सचिव रहे अमरेश कुमार अमर और उनकी पत्नी पूनम कुमारी को भी उनके सरकारी आवास पर पूछताछ के लिए बुलाया.दोनों को आमने सामने बिठाकर सत्यापन कराने की कोशिश की. उनसे अकेले पूछताछ करने के लिए सीबीई अपने साथ ले गई है.
सीबीआई के एक अधिकारी के अनुसार मंजू वर्मा कई सवालों के जवाब में अपने आप्त सचिव अमरेश कुमार अमर का नाम ले रही थीं. वह बता रही थीं कि इस संबंध में उन्हें ही जानकारी होगी. सीबीआइ की टीम मंजू वर्मा के घर से निकलते समय अमरेश कुमार अमर और उनकी सीडीपीओ पत्नी पूनम कुमारी को भी अपने साथ ले गई. दोनों से कुछ दस्तावेज का सत्यापन कराया गया.सूत्रों के अनुसार मंत्री और उनके पति के खिलाफ तो प्रयाप्त सबूत हैं ही साथ ही कई बड़े अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है. मंत्री के बाद अब सीबीआई कई बड़े अधिकारियों से पूछताछ की तैयारी में जुट गई है.
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