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पुलिस का ईकबाल ख़त्म, कानून-व्यवस्था को लेकर बढ़ गई है नीतीश कुमार की चुनौती

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सिटी पोस्ट लाइव : पिछले चौबीस घंटे के अंदर बिहार की राजधानी पटना और राजधानी से सटे हुई दो बड़ी हत्या की वारदात ने एकबार बिहार को फिर से हिलाकर रख दिया है. सोमवार की शाम को वैशाली जिले के जन्दाहा में रालोसपा नेता ,प्रखंड प्रमुख की गोली मारकर हत्या और मंगलवार की सुबह राजधानी पटना के सबसे वीआइवी ईलाके के सचिवालय थाना क्षेत्र में योजना  विभाग के अंडर सेक्रेटरी के घर में डकैती और फिर गोली मार कर उनकी हत्या कर दिए जाने से लोग सकते में हैं. एनडीए के घटक दल रालोसपा के प्रमुख केन्द्रीय राज्यमंत्री ने भी इन अपराधिक वारदातों को लेकर सरकार पर निशाना साध दिया है. उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री से सवाल किया है कि कितनी हत्याओं के बाद आपकी पुलिस जागेगी?

इसमे कोई शक की गुंजाईश नहीं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यूएसपी कानून-व्यवस्था को फिर से बिहार में बहाल करना है.लेकिन हाल के 6 महीनों में जिस तरह से अपराधिक वारदातें बड़ी हैं, उनकी चिंता बढ़ा देनेवाली है.आंकड़ों के हिसाब से राज्य में हत्या और बलात्कार के मामलों में इस साल जनवरी से मई के बीच दो गुना ईजाफा हो चूका है. राज्य में जनवरी में 178 हत्याएं हुईं, जो मई में बढ़ कर 322 हो गई. यानी मर्डर ग्राफ में भी दोगुनी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई. इसी तरह से जनवरी महीने में 74 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए. ये संख्या मई में बढ़कर 184 हो गई है. यानी पांच महीने में रेप की शिकार हुई महिलाओं की संख्या लगभग ढाई गुना बढ़ गई है .मुजफ्फरपुर में 34 बेटियों के साथ रेप की घटना चुकी आकस्मिक नहीं है,इसलिए उसे पांच महीने के आंकड़ों में शामिल नहीं किया जा सकता.

अपहरण, लूट और जालसाजी जैसे आपराधिक मामले जिस तरह से लगातार  बढ़ते चले जा रहे हैं साबित करते हैं कि पुलिस का ईकबाल कम हुआ है और अपराधियों के हौसले बुलंद हुए हैं. जनवरी से मई के बीच बिहार पुलिस को नए डीजीपी भी मिल चुके हैं लेकिन अपराध पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है.विपक्ष तो हमलावर है ही, एनडीए के भीतर भी जो कानून-व्यवस्था  को लेकर बेचैनी बढ़ रही है, वह चिंता बढानेवाली है.कुशवाहा के नीतीश कुमार के इस सवाल ने कि  ‘नीतीश बाबू, आखिर कितनी लाशों के बाद शासन-प्रशासन जगेगा’,ने विपक्ष को हमले का एक और मुका दे दिया है.

वैसे महागठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही अपराध का ग्राफ बढ़ना शुरू हुआ है, जो एनडीए की सरकार बन जाने के बाद भी बदस्तूर जारी है.ऐसे में अब कानून- व्यवस्था के लिए जाने जानेवाले नीतीश कुमार के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती है कानून व्यवस्था को बनाए रखना.

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