सिटी पोस्ट लाइव: बिहार में एनडीए के सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारे का फार्मूला अगस्त के पहले सप्ताह में सामने आ जाएगा.सूत्रों के अनुसार बीजेपी के केन्द्रीय नेत्रित्व ने सीटों के बटवारे का फार्मूला तैयार कर लिया है .यह फार्मूला सहयोगी दलों को अगस्त के पहले सप्ताह में सौंप दिया जाएगा.इस फ़ॉर्मूले के सामने आ जाने के बाद आगे की बातचीत शुरू होगी .गौरतलब है कि एनडीए में जेडीयू के शामिल होने के बाद से इसी बात को लेकर रार मची है कि उसके लिए कैसे सीटों की व्यवस्था की जाए.
गौरतलब है कि बिहार की 40 में से 22 सीटों पर काबिज बीजेपी काबिज है और बाकी सहयोगी दलों रालोसपा और एलजेपी के कब्जे में 9 सीटें हैं. ऐसे में जेडीयू के लिए कौन सीट छोड़ेगा ,इसी बात को लेकर असमंजस बना हुआ है. 2009 में 25 सीटों पर जेडीयू चुनाव लड़ा था और बीजेपी को को केवल 15 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था.अब इसबार स्थिति उलट है क्योंकि बीजेपी 22 सीटों पर और उसके पहले से दो सहयोगी दलों रालोसपा और एलजेपी के कब्जे में 9 सीटें है. ऐसे में जेडीयू के लिए केवल 9 सीटें ही बच रही हैं.जाहिर है इतनी कम सीटों पर जेडीयू तैयार नहीं होगी.ऐसे में कौन छोड़ेगा अपनी सीटिंग सीट जेडीयू के लिए ,सबसे बड़ा सवाल है.
सूत्रों के अनुसार पिछली बार अमित शाह के साथ पटना में बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीटों के बटवारे को लेकर जल्द से जल्द स्थिति साफ़ करने को कहा था.उस समय अमित शाह ने अगस्त के पहले सप्ताह में फार्मूला देने का वादा किया था .सूत्रों के अनुसार 5 अगस्त की तारीख तय हुई थी.जेडीयू ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि बिहार में नीतीश ने अगर आरजेडी और लालू प्रसाद की मनमानी से मुक्ति पाई है तो दूसरी तरफ एक झटके में बीजेपी सरकार में भी आने में सफल रही है. ऐसे में 2014 को सीट बंटवारे का आधार नहीं बनाना चाहिए क्योंकि उसके बाद 2015 का चुनाव हो चुका है.
जेडीयू का कहना है कि ऐसी कई सीटें हैं जो पारंपरिक रूप से जेडीयू ही लड़ता और जीतता रहा है. भविष्य में भी दोनो दलों को साथ चलना है इसीलिए एक दूसरे का सम्मान का ध्यान रखना होगा.लेकिन बीजेपी का मानना है कि लोकसभा 2014 के फार्मूले पर होना चाहिए. विधानसभा 2015 के फार्मूले को ध्यान में रखते हुए सीटों का बटवारा होना चाहिए . अब सबकी नजर 5 अगस्त की डेडलाइन पर टिकी है.
Comments are closed.