इस दारोगा परीक्षा का क्या मतलब है? प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर हो चूका है वायरल
जांच आयोग ने परीक्षा रद्द करने से किया इनकार ,रिजल्ट के बाद अभ्यर्थी कर सकते हैं फिर हंगामा
सिटी पोस्ट लाइव : सोशल मीडिया पर एक तस्वीर ठीक उसी दिन उसी समय वायरल हो गया जब दारोगा पद के लिए परीक्षा चल रही थी. इस तस्वीर में साफ़ दिख रहा है कि एक अभ्यर्थी ने आराम से डेस्क पर बैठा है. प्रश्नों के फोटो ले रहा है . डेस्क पर ओएमआर शीट भी दिख रही है.रोल नंबर वाले भाग को छिपा दिया गया है.आखिर दरोगा परीक्षा के प्रश्न पत्र को परीक्षा हॉल में बैठकर सोशल मीडिया में इसे वायरल करनेवाला सख्श कौन है ? परीक्षा के दौरान ही प्रशन पत्र वायरल हो गया .क्या इसका जबाब भी परीक्षार्थियों तक पहुंचा ? क्या ये परीक्षा रद्द की जायेगी ? ये सारे सवाल अभीतक अनुतरित हैं.अभीतक पुलिस मुख्यालय ने कोई जबाब नहीं दिया है .
इस प्रशन पत्र के वायरल होने से इस परीक्षा को लेकर सवाल उठाना लाजिमी है. बिहार राज्य अवर सेवा आयोग द्वारा दारोगा बहाली के लिए रविवार को ली गई.इस लिखित परीक्षा की गोपनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं.ख़ास बात ये है कि परीक्षा केंद्रों पर मोबाइल लेकर जाना मना था. परीक्षा के बाद प्रश्नपत्र लेकर बाहर जाने की भी अनुमति नहीं थी फिर भी प्रश्न पत्र सोशल मीडिया में वायरल कैसे हो गए ? क्या ये प्रश्नपत्र की तस्वीर सॉल्वर गैंग तक पहुंचाई गई ? क्या इसका फायदा परीक्षार्थियों ने उठाई ? सारे सवाल अनुतरित हैं.
दारोगा की लिखित परीक्षा केवल पटना जिले के 45 केंद्रों पर हुई.केंद्राधीक्षक, मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारियों की मिलीभगत के बिना परीक्षा केंद्र के अंदर मोबाइल लेकर जाना संभव नहीं है. कदाचार मुक्त परीक्षा के लिए सभी केंद्रों की 100 मीटर में परिधि में निषेधाज्ञा लागू था. ऐसे में उस केंद्र के सभी जिम्मेवार पदाधिकारी दोषी माने जा सकते हैं. आयोग जांच कर पता लगा सकता है कि किस केंद्र पर अभ्यर्थी ने तस्वीर ली.क्या किसी एक सेंटर को इसके लिए मैनेज किया गया ? अभ्यर्थी ने मोबाइल से फोटो लेकर किसे भेजा? उत्तर ढूंढने के बाद गैंग ने अभ्यर्थियों को इसे मुहैया करा दिया ? ब्लूटूथ के माध्यम से सवाल के जवाब पहुंचाया जा सकता है .फिर क्या इस परीक्षा का कोई मतलब रह जाता है ?
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