सिटी पोस्ट लाइव : आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के बेटे तेजप्रताप लालू यादव बनने के चक्कर में सारी मर्यादा भूल गए हैं. महुआ गए सत्तू पार्टी करने और कर आये लंगटई. दिन भर रिक्शा पर सवार होकर घूमे ,समर्थकों के साथ सातू पार्टी किया, यहाँ तक तो ठीक है लेकिन उसके बाद जो कुछ किया हम साफ़ साफ़ आपको दिखा भी नहीं सकते. सारा कपडा उतार दिया. लपेट लिया एक गमछा. गमछा भी झकझक सफ़ेद सबकुछ साफ़ दिख रहा था. इनके समर्थक भी इनको लंगट उघार देख शर्मा गए. इसलिए हमे इस विडियो में इस लंगटई को छुपाने के लिए जतन करना पड़ रहा है.
तेजप्रताप दरअसल, लालू यादव बनने के चक्कर में लल्लू बनते नजर जा रहे हैं. घर में तो लंगटई चल जायेगी. लेकिन सार्वजनिक जीवन में इस तरह की लंगटई नहीं चलने वाली. ऐसी ओछी हरकत करने पर थू-थू होने लगेगी ,इतना भी इल्म नहीं है फिर लालू यादव कैसे बनेगें ? लालू यादव बनने के लिए चिलचिलाती धूप में खून जलाना पड़ता है. एक दिन रिक्शा की सवारी करने से कोई लालू नहीं बन सकता ,सचमुच में अभाव की जिंदगी जीना पड़ता है. अभाव और तंगी झेलना पड़ता है,गाली देने से कोई लालू नहीं बनेगा, लालू यादव जैसा देकर सामने वाले से गाली सुनने का कलेजा भी चाहिए. गांव देहात में बारिश के मौसम में रोपनी के खेत से घुटना भर पानी में चलकर उस गांव में पहुंचना पड़ता है , जहाँ दलित पिछड़ों का नरसंहार होता है. झुग्गी-झोपडिया में जाकर गरीब बच्चों का बाल कटवाना पड़ता है और भारी भारी केस मुकदमों में फंसे होने के वावजूद भी हँसते –मुस्कुराते रहना होगा. लंगटई करने से कोई लालू यादव थोड़े हीं बन सकता है ? .
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