सिटी पोस्ट लाइव :RJD नेता, बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव लोक सभा चुनाव के पहले पार्टी संगठन को दुरुस्त करने में जुट गये हैं. बूथ स्तर पर क्रियाशील सदस्य बनाने में दिलचस्पी नहीं लेने वाले जिलाध्यक्षों को उन्होंने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने का मन बना लिया है.RJD अपने सदस्यता अभियान की रिपोर्ट सभी जिलों से मंगा रही है. अब तक यह बात सामने आयी है कि आधा दर्जन जिलों के जिलाध्यक्षों ने प्रदेश कार्यालय द्वारा दी गयी हिदायत पर काम नहीं किया है.
सदस्यता अभियान के तहत सभी जिलाध्यक्षों को यह हिदायत दी गयी थी कि सभी बूथों के लिए जो बूथ कमेटी बनेगी उसके तहत कम से कम एक क्रियाशील सदस्य सभी बूथों पर अनिवार्य रूप से बनाए जाएं. इसका तर्क यह था कि चुनाव के समय सभी बूथों के लिए राजद का एक क्रियाशील सदस्य अनिवार्य रूप से हो.लेकिन लगभग आधा दर्जन जिलों से जो रिपोर्ट राजद कार्यालय को मिली है, वहां से बूथ कमेटी के सदस्यों के बारे में बड़ी संख्या तो जरूर आ गयी है, लेकिन ऐसे बूथ भी काफी हैं, जहां एक भी क्रियाशील सदस्य नहीं है. ऐसे में बूथ पर पार्टी की ओर से किसे खोजा जाएगा चुनाव के समय यह तय नहीं हो पा रहा. इस बारे में संबंधित जिलाध्यक्षों को पार्टी ओर से लिखा भी जा रहा है.
जिन जिलों में कई बूथों पर क्रियाशील सदस्य नहीं हैं, उनमें नालंदा, गया, सीवान, सारण, मुंगेर, शेखपुरा व मधुबनी जिला आदि शामिल हैं. इन जिलाध्यक्षों पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के स्तर पर निर्णय संभावित है. कुछ जिलों में एमएलए के स्तर पर मामला लंबित है.सदस्यता अभियान में RJD को लक्ष्य के हिसाब से सफलता सफलता मिली है. लक्ष्य एक करोड़ का था और 1.07 करोड़ सदस्य बनाए गए हैं. इस लिहाज से लक्ष्य से आगे की संख्या हासिल हुई है, लेकिन बूथ कमेटी को लेकर कुछ समस्या है, जिसे जल्द ही दूर कर लिया जाएगा.
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