बैक फूट पर जगदानंद, फिर से हो गये सक्रीय.
मान-मनौव्वल के मूड में नहीं हैं तेजस्वी , जगदानंद सिंह को नहीं भेजा कोई बुलावा,,खुद कम पर लौटे.
सिटी पोस्ट लाइव : तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के साथ सकून से सरकार चला रहे हैं.वो ऐसे किसी नेता को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं जो सरकार के खिलाफ बोले.जगदानंद का नाम लिए बगैर तेजस्वी ने तो मंच से ही कह दिया था कि कुछ लोग सरकार पर हमले कर भाजपा को मजबूत कर रहे हैं. ऐसा नहीं चलेगा. लालू परिवार की लाइन के बाद जगदानंद के रास्ते बंद दिख रहे तो वह 12 अक्टूबर से धीरे-धीरे सक्रिय होने लगे.दो अक्टूबर से वह लगातार कैमूर जिले के अपने गांव में ही हैं. वहीं से पार्टी का काम देख रहे हैं. दो सीटों पर उपचुनाव की निगरानी और पदाधिकारियों की ड्यूटी बांटने लगे हैं. इसे जगदानंद के बिना शर्त समर्पण के नजरिये से देखा जा रहा है.
जगदानंद की ओर से समझौते के संकेत लगातार दिए जा रहे हैं, लेकिन बात बनती दिख नहीं रही है. राजद में उनका कद-पद बरकरार रहेगा या उनके विकल्प की तलाश होगी, यह लालू के सिंगापुर से लौटने और उपचुनाव के परिणाम के बाद ही तय होगा. तबतक सब यथावत चलता रह सकता है. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भाजपा को बिहार की सत्ता से बाहर कर नीतीश कुमार के साथ महागठबंधन की सरकार में सुकून से हैं. सरकार के विरुद्ध एक शब्द सुनने को तैयार नहीं. लालू ने सार्वजनिक तौर पर दिल्ली में नीतीश सरकार को क्लीनचिट भी दे रखी है.
माना जा रहा कि एक-दो दिनों में जगदानंद कार्यालय आना शुरू भी कर सकते हैं. राजद के दिल्ली अधिवेशन से दूरी बनाने वाले जगदानंद को अब लालू या तेजस्वी की ओर से बुलावे का इंतजार है. बिहार से बाहर दिल्ली में पहली बार नौ और दस अक्टूबर को बड़ा आयोजन कर लालू को 12वीं बार राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना जाना था. इसे राजद के राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार का प्रयास माना जा रहा था. किंतु पार्टी की आधार भूमि बिहार के प्रदेश अध्यक्ष ने ही आयोजन से कन्नी काट ली. तेजस्वी यादव ने इसको गंभीरता से लिया.उन्होंने कहा कि जगदानंद सिंह को खुद तय करना है कि वो क्या करेगें? जाहिर है तेजस्वी यादव मान मनौव्वल के मूड में नहीं हैं.
Comments are closed.