जहरीली शराब से मौत के बाद एक्शन में सीएम नीतीश, अधिकारियों दे दी चेतावनी
लापरवाही किसी भी क़ीमत पर बर्दाश्त नहीं
सिटी पोस्ट लाइव :पूर्ण शराबबंदी वाले बिहार में दिवाली से पहले जहरीली शराब के सेवन से 25 लोगों की मौत हो गई है. बिहार में शराबबंदी लागू है इसके बावजूद जहरीली शराब पीने से गोपालगंज और बेतिया में ये मौते हुई हैं. ईन मौतों को लेकर बिहार की राजनीति गरमा गई है. विपक्ष लगातार सत्ताधारी पार्टी से पूछ रही है कि ये कैसी शराबबंदी है, जहां हर दिन शराब से किसी न किसी की मौत हो रही है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक वीडियो शेयर करते हुए ट्वीटर पर लिखा है कि इन चीखों का गड़बड़ डीएनए वाली एनडीए सरकार और तीन नंबरिया पार्टी के मुखिया पर कुछ फर्क नहीं पड़ता. जहरीली शराब से बिहार में दिवाली के दिन सरकार द्वारा 35 से अधिक लोग मारे गए। हां… किसी की सनक से बिहार में कागजों पर शराबबंदी है अन्यथा खुली छूट है क्योंकि ब्लैक में मौज और लूट है.
वहीं इसे लेकर अब सीएम नीतीश एक्शन में आ गए हैं. सीएम नीतीश ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह अपने स्तर पर समीक्षा बैठक कर दोषियों की पहचान कर कठोर से कठोर कार्रवाई करें. साथ ही सीएम ने मद्य निषेध विभाग और पुलिस मुख्यालय को भी हर दूसरे दिन बैठक कर समीक्षा करने को कहा है. नीतीश कुमार गोपालगंज में हुई जहरीली शराब कांड से बेहद नाराज़ हैं. उन्होंने पटना में अपने सरकारी आवास एक आने मार्ग में आनन फ़ानन में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई और आला अधिकारियों व विभागीय मंत्री को साफ-साफ कह दिया कि अब लापरवाही किसी भी क़ीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मतलब किसी तरह की कोताही हुई तो अधिकारी भी नप सकते हैं.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि शराबबंदी को सरकार ने सख्ती से लागू किया है। जो भी इसे कमजोर करने में लगे हैं, उनकी पहचान कर उन पर कठोर कार्रवाई करें। कोई भी गड़बड़ करने वाला किसी भी स्थिति में बचे नहीं। मद्य निषेध विभाग एवं पुलिस मुख्यालय प्रतिदिन बैठक कर इसकी समीक्षा करे। हाल के दिनों में जहाँ-जहाँ घटनायें घटी हैं, वहाँ दोषी लोगों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार फिर से लोगों को जागरूक करने के लिये व्यापक जन जागरूकता अभियान की जरूरत है।
प्रमंडल स्तर पर जनजागरूकता अभियान प्रारंभ करने की रूपरेखा तैयार करें। पूर्व की तरह सभी लोगों को एक बार फिर से शपथ दिलानी है। उन्होंने कहा क शराबबंदी महिलाओं की मॉग पर की गयी है। महिलाओं को फिर से प्रेरित करें ताकि गड़बड़ करने वालों की पहचान हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों एवं सभी सरकारी आवासों में शराबबंदी के पक्ष में बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ तथा जल-जीवन- हरियाली के संबंध में दीवार लेखन एवं अन्य प्रचार माध्यमों से प्रचार-प्रसार करायें। उन्होंने कहा कि छठ महापर्व के बाद 16 नवंबर को शराबबंदी को लेकर विस्तृत समीक्षा बैठक की जायेगी।
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