सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में शराब तस्करी का धंधा शराबबंदी के बाद शुरू हुआ. शासन-प्रशासन इसे लेकर लगातार मुहीम चलाते रहे. रोज शराब की बड़ी खेप पकड़ी जाने लगी. जो अबतक जारी है. लेकिन एक चीज नहीं बदली वो है तस्करों के हौसले. तसकरों के हौसले की बात करें तो वो हर रोज कुछ न कुछ नया तरीका तस्करी के लिए ढूंढा ही निकालते हैं. कभी बोर में तो कभी पेट्रोल की टंकी में. इतना ही नहीं कार के सीटों के भीतर भी शराब तस्करी होती है. लेकिन अब जो तस्करों का तरीका पता चला है वो ट्रेन है. जी हां बिहार में शराब तस्करी ट्रेनों से ही चल रही है. जिसे लेकर प्रशासन जागरूक तब हुआ जब बिहार शरीफ में पेंट्री कार से भारी मात्रा में शराब की बरामदगी हुई.
ताजा मामला पीडीडीयू नगर (मुगलसराय) स्टेशन का है. जहां लावारिस हालत में देशी व अंग्रेजी शराब का जखीरा बरामद हुआ है. आरपीएफ बरामद शराब को जीआरपी को सौंपकर अगली कार्रवाई में जुटी है. माना जा रहा है कि श्रमजीवी एक्सप्रेस की पेंट्रीकार में शराब बरामदगी के बाद बिहार में शुरू हुई चेकिंग का असर है. ट्रेन से तस्करी करने वाले शराब को बिहार से पहले ही यूपी के स्टेशनों पर छोड़ दे रहे हैं. गुरुवार की देर रात आरपीएफ इंस्पेक्टर संजीव कुमार टीम के साथ चेकिंग कर रहे थे. इसी दौरान प्लेटफार्म संख्या छह के पश्चिमी छोर पर लावारिश हालत में भारी भरकम चार झोले दिखाई दिये. झोला खोला तो काफी मात्रा में देशी व अंग्रेजी शराब भरा था. झोले में कुल 126 लीटर शराब थी.
गौरतलब है कि पिछले दिनों बिहार शरीफ में श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन के पैंट्री कार से भारी मात्रा में विदेशी शराब बरामद हुई थी. यहीं नहीं 11 शराब तस्कर गिरफ्तार भी गिरफ्तार हुए थे. इस मामले में पैंट्री कार के मैनेजर सतीश कुमार को भी गिरफ्तार किया गया था. दरअसल यह लोग दिल्ली से पैंट्री कार में अवैध शराब रखकर हरनाम बिहार शरीफ पावापुरी और गिरियक इलाके में शराब डिलीवरी देते थे. इस कार्रवाई के बाद से शायद तस्कर खौफ में हैं और ट्रेन से रिस्क अब लेना नहीं चाह रहे हैं.
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