सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध बालू खनन (Bihar Sand Mining)का गोरखधंधा जारी है. इस महीने की 14 और 15 जुलाई को अब तक 41 अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है. दो जिलों के SP, 4 DSP, एक SDO, 2 जिलों के डीटीओ, 18 दरोगा और इंस्पेक्टर, 5 सीओ समेत अन्य अफसरों पर कार्रवाई हुई है. अवैध खनन में मलाई खाने में खनन विभाग के अधिकारी और कर्मियों के शामिल होने की भी पुष्टि हुई है. अवैध खनन में विभाग के एक दर्जन से ज्यादा अधिकारी लिप्त हैं और ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए विभागीय स्तर पर जांच भी शुरू हो गयी है. इन सभी पर अब खनन विभाग बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है.
खनन मंत्री जनक राम ने कहा कि ऐसे सभी अधिकारियों की पहचान कर ली की गई है. अब कार्रवाई की बारी है. अवैध खनन रोकने के लिए अब सरकार की नजर वैसे सफेदपोशों पर है जिनके नीचे यह धंधा फल- फूल रहा है. अवैध बालू का खनन में उन सभी सफेदपोशों के खिलाफ सबूत इक्कठे कर करवाई की तैयारी चल रही है. खनन मंत्री जनक राम का कहना है कि खनन का लाइसेंस और लाइसेंस देने के तरीके में बदलाव किया जा रहा है. बालू की बढ़ती कीमतों से हम भी बहुत चिंतित हैं. बालू के अवैध खनन पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. कार्रवाई के रूप में छापेमारी की जाती है जिसमें लोग पकड़े भी जाते हैं.
मंत्री ने कहा कि बालू यानी रेत का अवैध खनन करनेवालों को जेल भेजा रहा है, इसके बावजूद अवैध खनन हो रहा. बिहार कैबिनेट से पारित किया गया कि अवैध खनन करनेवालों की संपत्ति जब्त होगी, जो वाहन पकड़ा जायेगा, उस पर 25 गुना ज्यादा फाइन लगाया जा रहा है. सरकार की प्राथमिकता है कि बालू सबको मुहैय्या कराया जाये. मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर बड़ी कार्रवाई हो रही. जब कार्रवाई हो रही है, तो हड़कंप मचा हुआ है. विभाग कोई भी हो, अधिकारी कोई है, अगर पकड़ा जायेगा, तो बचेगा नहीं. मुख्यमंत्री साफ कहते हैं कि हम न किसी को फंसाते हैं, न किसी को बचाते हैं. अगर अवैध खनन में नेता, अधिकारी और कर्मचारी की संलिप्तता पायी जायेगी, तो वो भी नहीं बचेगा.
Comments are closed.