City Post Live
NEWS 24x7

गांव जाकर शांत क्यों बैठे हैं JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह

दिन रात पार्टी के काम में जुटे रहनेवाले आरसीपी सिंह क्यों नाराज हैं, उपेन्द्र कुशवाहा हैं ज्यादा सक्रीय.

-sponsored-

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव : JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष RCP सिंह की राजनीतिक सक्रियता कम हो गई है. वो ज्यादा समय अपने गाँव में बिता रहे हैं.पार्टी में ये चर्चा जोरशोर से चल रही है कि उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी में इंट्री से वो नाराज हैं.जबसे वो पार्टी में शामिल हुए हैं.आरसीपी सिंह शांत पड़ गये हैं. गौरतलब है कि जिस दिन उपेन्द्र  कुशवाहा पार्टी में शामिल हुए थे उस दिन भी आरसीपी सिंह मौजूद नहीं थे. एक तरफ आरसीपी निष्क्रिय हुए हैं वही upendra कुशवाहा काफी सक्रीय हो गये हैं.कुशवाहा ने 1 मई से अब तक आरसीपी सिंह ने 50 ट्वीट किए हैं जबकि, उपेंद्र कुशवाहा ने 62 ट्वीट किये हैं.

RCP सिंह इन दिनों अपने गांव में हैं. वो राजनीतिक गतिविधियों से दूर हैं. लेकिन ऐसा क्यों है, ये किसी को पता नहीं है. राजनीतिक पार्टियों में जहां सोशल मीडिया पर बयानबाजी का दौर तेज है. वहां आरसीपी सिंह सियासी मामलों पर लगभग चुप दिखाई पड़ते हैं. 1 मई से अब तक उन्होंने 50 ट्वीट किए हैं, जिसमें केवल 1 में राजद पर निशाना साधा है. बाकी सभी ट्वीट में उन्होंने कोरोना, पर्यावरण पर सामाजिक संदेश दिया है या फिर श्रद्धांजलि दी है. 2 ट्वीट ऐसे हैं जिसमें उन्होंने नीतीश कुमार के काम की तारीफ की है.
सिंह ने 28 मई को किये सियासी ट्वीट से पहले 28 मार्च को एक सियासी ट्वीट किया था। यानी उनके दोनों ट्वीट में 60 दिन का अंतर है. 28 मार्च का उनका ट्वीट है-” विपक्ष को सत्ता नहीं पाने का है दर्द.

और 28 मई को लिखते हैं- हर मुश्किल वक्त में भाग खड़े होने वाले मांग रहे नीतीश सरकार से सेवा का हिसाब “.जदयू में 84 दिन पहले आए उपेन्द्र कुशवाहा जबरदस्त सियासी सक्रियता दिखा रहे हैं. नीतीश कुमार पर होने वाले हर बयानी हमले पर वो ढाल बनकर खड़े हो जा रहे हैं. भाजपा के एक MLC ने जब नीतीश कुमार के खिलाफ बयान दिया तो उपेन्द्र कुशवाहा ने भाजपा को कड़े तेवर दिखा दिए. वैसे उपेन्द्र कुशवाहा के बयानों को देखें तो जितना हमलावर वो भाजपा पर दिखते हैं उतना विपक्ष पर नहीं.

कुशवाहा पार्टी में दुसरे नंबर के नेता के रूप में उभर रहे हैं. उपेन्द्र कुशवाहा ने 1 मई से अब तक 62 ट्वीट किए हैं, जिसमें 16 में श्रद्धांजलि है. 14 ट्वीट में नीतीश कुमार के काम का प्रचार है. 7 में कॉलेजियम सिस्टम के खिलाफ आवाज है और 1 में बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग है तो 4 में भाजपा पर निशाना है. 1 ट्वीट में उन्होंने राजद की भी चर्चा की है, उसमें भी आलोचना नहीं, राजद सुप्रीमो को जन्मदिन दी गई है.आरसीपी सिंह जब जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने तो भाजपा के दिग्गजों ने उन्हें खूब बधाई दी थी.

इसका असर भी दिखा अरुणाचल प्रदेश की तोड़फोड़ के बाबजूद बिहार में एनडीए गठबंधन थोड़ी उथल-पुथल के बीच बना रहा. लेकिन जैसे ही उपेन्द्र कुशवाहा जदयू में आए सब बदल गया. आरसीपी सिंह राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के बावजूद उपेन्द्र कुशवाहा के मिलन समारोह में नहीं पहुंचे. तब से आज तक इन दोनों नेताओं को एक पार्टी में रहने के बावजूद एक मंच पर नहीं देखा गया.कहा तो ये भी जा रहा है कि आरसीपी की चुप्पी की वजह भी उपेन्द्र ही हैं. उपेन्द्र कुशवाहा के पार्टी में आने के बाद जदयू दो धड़े में बंटा दिख रहा है. एक वो जो भाजपा के करीब है और दूसरा जो भाजपा विरोधी.

- Sponsored -

-sponsored-

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

- Sponsored -

Comments are closed.