सिटी पोस्ट लाइव, रांची: ‘यास’ चक्रवात के मद्देनजर पश्चिम बंगाल और ओड़िशा की सीमा से सटे इलाके में झारखंड में भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है। इस तूफान से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए राज्य सरकार की ओर से कई एहतियाती कदम उठाये जा रहे हैं। राज्य के संतालपरगना और कोल्हान प्रमंडल के जिन इलाकों में तूफान का खासा देखने को मिलने की संभावना है, उन इलाकों में वैकल्पिक व्यवस्था का निर्देश दिया गया है।
50 से 60किमी की रफ्तार से चलेगी हवा
वहीं मौसम विभाग की ओर से रांची सहित राज्य के लोगों को कोरोना के साथ-साथ 25 से 28 मई तक प्राकृतिक विपदा से भी बचने की सलाह दी गई है। मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी जारी की है कि राज्य के कई इलाकों में वज्रपात हो सकता है। इस दौरान 50 से 60 किमी की रफ्तार से तेज हवा चलेगी और मेघ गर्जन भी होगा। राज्य के दक्षिण पूर्व, उत्तर और मध्य हिस्से में कुछ जगहों पर भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इस दौरान तापमान में 10 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट हो सकती है।
बिजली आपूति बहाल रखने के लिए विशेष प्रबंध
इधर, बंगाल की खाड़ी में उठ रहे यास चक्रवात का झारखंड में पड़ने वाले असर को देखते हुए झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, जेबीवीएनएल अलर्ट मोड में है। निगम के कार्यकारी निदेशक केके वर्मा ने सभी जीएम और एसई को कहा है कि वे चक्रवात को लेकर अलर्ट रहें।
रांची रेल मंडल की सात ट्रेनें रद्द
इस बीच, चक्रवाती तूफान यास की आशंका को देखते हुए रांची रेल मंडल से खुलने वाली सात ट्रेनों को 25 और 26 मई को रद्द कर दिया गया है।
तूफान को लेकर किसानों को दी गयी सलाह
दूसरी चक्रवाती तूफान को लेकर बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (बीएयू) की तरफ से किसानों के लिए गाइडलाइन जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि 25, 26 और 27 मई को तेज हवा के साथ भारी बारिश की संभावना है। किसान इसके लिए सजग रहें। तैयार सब्जियों को तोड़ लें। खेत से जल निकास के लिए नालियां बना दें। जो किसान कुछ दिन पहले अदरख, हल्दी, ओल आदि की बोआई कर चुके हैं वे उन खेतों में जल जमाव नहीं होने दें। बीएयू की तरफ से कहा गया है कि जो किसान गरमा धान या मूंग की कटाई कर चुके हैं वे काटे हुए फसल को सुरक्षित जगह पर रखने की व्यवस्था करें। यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि इन कार्यों को पूरा करने के लिए सिर्फ एक दिन 24 मई का है। इसी दौरान सारी तैयारियां करनी होगी।
बारिश के दौरान खेत में ना जाएं, पेड़ के नीचे खड़े होने से बचें
गाइडलाइन में बताया गया है कि चक्रवात में तेज आंधी, बारिश के साथ वज्रपात की भी संभावना है। ऐसे में किसानों को बारिश के समय खेत नहीं जाना चाहिए। इससे जान की हानि हो सकती है। इसके साथ ही किसानों को हिदायत दी गयी है कि अगर वो किसी तरह खराब मौसम में खेत में फंस जाएं तो सुरक्षित स्थान के नीचे शरण लें। पेड़ के नीचे खड़े न हो। साथ ही वज्रपात का अलर्ट पाने के लिए किसानों से अपने मोबाइल में मौसम विभाग के दामिनी एप को डाउनलोड करने का भी निर्देश दिया गया है।
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