सिटी पोस्ट लाइव :कोरोना संकट (Corona Pandemic) के दौर में समुचित ईलाज की व्यवस्था अस्पतालों में नहीं होने से परेशान देश के रईसों का भरोसा देश की स्वास्थ्य व्यवस्था ख़त्म हो गया है. इमीग्रेशन स्पेशलिस्ट (immigration specialists) के अनुसार पिछले कुछ दिनों में बेहतर लाइफ स्टाइल और स्वास्थ्य सुविधाओं की वजह से भारत से बाहर बसने वाले लोगों की संख्या काफी बढ़ी है.शिक्षा, हेल्थ केयर और इंफ्रास्ट्रक्चर की बदतर स्थिति की वजह से अब लोग देश छोड़ना चाहते हैं.
भारत में कोरोना के संक्रमण के सेकंड वेव (2nd Wave of Corona) ने बहुत से लोगों के मन में डर बिठा दिया है. भारत के बहुत से पेशेवर (Professionals), बिजनेस प्रमोटर (Business Promoters) और रईस लोग अब अपने परिवार के साथ विदेश में बसने का प्लान बना रहे हैं. कोरोना संकट के दौर में अस्पताल में बेड नहीं मिल पाने, ऑक्सीजन सिलेंडर की महामारी और जीवन रक्षक दवाओं की कमी जैसे मसलों की वजह से देश के रईसों का भरोसा डिगने लगा है.
विदेश में बसने की सुविधा देने वाले पेशेवरों (immigration specialists) का कहना है कि अब लोग ब्रिटेन, कनाडा, पुर्तगाल, साइप्रस, माल्टा ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों में बसना चाहते हैं।विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना संक्रमण (Covid-19 Infection) के पहले दौर में साल 2020 के दौरान विदेश में रहने वाले बहुत से लोगों ने भारत में काम करने की इच्छा जताई थी. इस वजह से वह अपना काम धंधा छोड़कर भारत आ गए थे. अब स्थिति उलट है. अब बहुत से लोग भारत छोड़कर बाहर जाना चाहते हैं. शिक्षा, हेल्थ केयर और इंफ्रास्ट्रक्चर की बदतर स्थिति की वजह से अब लोग देश छोड़ना चाहते हैं.
बहुत से रईस लोग अब ब्रिटेन, स्पेन, जर्मनी, फ्रांस, पोलैंड, डेनमार्क और स्वीडन जैसे देशों में भी बसना चाहते हैं.वहीँ कारोबार या निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं. दिलचस्प यह है कि इन देशों में अंग्रेजी नहीं बोली जाती बावजूद वे वहां जाने को तैयार हैं. भारत से विदेश में बसने वाले लोगों की बात करें तो ब्रिटेन उनकी प्राथमिकता में शीर्ष पर है. इमीग्रेशन एक्सपर्ट का कहना है कि निवेशकों और कुशल पेशेवरों के लिए ब्रिटेन में ज्यादा अच्छे अवसर मौजूद हैं. यूरोपियन यूनियन से बाहर निकलने के बाद ब्रिटेन भारत जैसे देश के लोगों के लिए आकर्षक गंतव्य बनकर उभरा है.
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