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5G की टेस्टिंग से भारत में कोरोना वायरस के फैलने का सच उजागर.

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सिटी पोस्ट लाइव :कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर कई तरह की अफवाहें हवा में हैं.उनमे से एक अफवाह 5जी की टेस्टिंग से जुड़ा है.कई वायरल मैसेज, वीडियो और तस्‍वीरों के जरिये यह अफवाह उड़ाई जा रही है कि लोग कोरोना वायरस के कारण नहीं, बल्कि देश में चल रही 5जी की टेस्टिंग प्रक्रिया के चलते मर रहे हैं.जबकि सच्चाई ये है कि भारत में अभी 5जी की टेस्टिंग ही शुरू नहीं हुई है. भारत में 5जी टेस्टिंग के लिए चुनिंदा कंपनियों को इसी हफ्ते मंजूरी मिली है. सरकार ने इन कंपनियों को टेस्टिंग के लिए जरूरी उपकरण खरीदने के लिए दो महीने का मौका दिया है. टेलिकॉम कंपनियां शुरुआत में सीमित उपकरणों के साथ सीमित क्षेत्रों में ही टेस्टिंग शुरू करने की तैयारी में हैं.

देश के ग्रामीण इलाकों में 5जी की टेस्टिंग शुरू होने की कोई संभावना नहीं है. कंपनियां 5जी टेस्टिंग बड़े शहरों हैदराबाद, बेंगलुरु, दिल्ली और मुंबई जैसे शहर से शुरू कर सकती हैं.जहाँ तक बिहार की बात है यहाँ तो ग्रामीण ईलाकों में अभीतक 2जी या 3जी नेटवर्क भी सही तरीके से काम नहीं करता. संसाधनों की कमी के चलते ही बिहार में सरकारी टेलिकॉम कंपनी बीएसएनएल अब तक 4जी भी लांच नहीं कर पाई है.

इसमे शक की कोई गुंजाइश नहीं कि  5जी का रेडिएशन अधिक होता है, लेकिन यह आदमी के लिए जानलेवा नहीं हो सकता है. यह अफवाह भी बेबुनियाद है कि 5जी रेडिएशन के जरिये कोरोना का वायरस फैल रहा है.कोरोना का वायरस केवल ड्रॉपलेट्स और हवा में मौजूद धूल के जरिये फैल सकता है. रेडिएशन से कोई वायरस नहीं फैलता है.ये आशंका जताई जा रही है कि इस अफवाह के पीछे चीन का हाथ हो सकता है. कुछ साल पहले तक चीन को 5जी के जरिये बड़ा कारोबार की संभावना नजर आ रही थी  लेकिन अब वह रेस से बाहर हो चूका है.

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