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कोरोना काल में अंतिम संस्कार बन गया है सबसे फायदेमंद धंधा.

लाश दो कदम उठाकर रखने का चार्ज 2000, शमशान घाट जाने के लिए 7000 अम्बुलेंस चार्ज.

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सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में कोरोना का खौफ इस कदर जारी है कि कोरोना से मरनेवालों को कन्धा देनेवाले नहीं मिल रहे.नाते रिश्तेदार सब पराये बन गए हैं.ऐसे में अंतिम संस्कार का काम बहुत मुश्किल हो गया है.इस मुश्किल को कुछ लोगों ने कमाई का बड़ा जरिया बना लिया है और शुरू कर दिया है अंतिम संस्कार और कन्धा देने का कारोबार. अंतिम संस्कार कराने वाले लोग खूब मोल-भाव कर रहे हैं.वो  लाश को दो कदम उठाकर रखने का चार्ज दो हजार रुपए वसूल रहे हैं.पटना के सभी अस्पतालों के बाहर ऐसे धंधेबाज मिल रहे हैं.

लोगों का कहना है कि कोरोना से मौत के बाद कोई रिश्तेदार मदद के लिए आगे नहीं आ रहा.अस्पताल से लाश को अम्बुलेंस तक पहुंचाने के लिए 2000 रुपये मांगे जा रहे हैं.अबुलेंस वाले अस्पताल से शमशान घाट पहुंचाने के लिए सात से दस हजार वसूल रहे हैं.एक मरीज के परिजन के अनुसार उसे परस हॉस्पिटल से बांस घाट तक पहुंचाने के लिए अम्बुलेंस ने सात हजार वसूले.बांस घाट पहुँच जाने के बाद भी अंतिम संस्कार आसान नहीं.वहां भी लाशों की लम्बी कतार लगी हुई है और दिन दिन भर लोगों को इंतज़ार करना पड़ रहा है.कदम-कदम पर पैसे की मांग से कोरोना मरीजों की लाश का अंतिम संस्कार कराने में परिजनों का आधा दम निकल जा रहा है.

कुछ सामाजिक संगठन अंतिम संस्कार में मदद कर रहे हैं लेकिन वो नाकाफी है.सोशल एक्टिविस्ट मुकेश हिसारिया के अनुसार मां वैष्णव देवी सेवा समिति ने कोरोना से मौत मामले में डेड बॉडी के दाह संस्कार की व्यवस्था की है. मोबाइल नंबर 9308393446 पर संपर्क कर इस बारे में समझ सकते हैं.लेकिन सच्चाई ये है कि ये मोबाइल नंबर भी लगातार बजता रहता है.

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