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सत्ता पक्षा और विपक्ष के नेता पुलिस अधिकारियों के मेलजोल से शराब की तस्करी कर रहे हैं

बिना निवेश और कारखाना के कैसे सृजित होंगे रोजगार?

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सिटी पोस्ट लाइव : इस साल के बजट में ना कोई नया कारखाना लाया गया और ना ही निवेश. रोजगार सृजन पर सिर्फ 20 लाख रोजगार पैदा करने की बात कर दी गई लेकिन बिना निवेश और कारखाना के रोजगार कैसे सृजित होंगे? सर्विस सेक्टर के लिए भी कोई प्रावधान नहीं किया गया है. वित्त मंत्री ने कृषि नीति और उद्योग नीति पर भी कुछ नहीं कहा. ना फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट और ना गन्ना उद्योग के लिए कुछ किया गया. उक्त बातें जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने बिहार बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कही. वे मंदिरी स्थित जाप कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थें.

पप्पू यादव ने आगे कहा कि पढाई, दवाई, कमाई, सिंचाई, सुनवाई और कार्यवाई आम आदमी के लिए सबसे महत्वपूर्ण है लेकिन बजट में इनमें से किसी पर ध्यान नहीं दिया गया है. सात निश्चय पार्ट 1 में घोटाला करने के बाद अब पार्ट 2 लाया जा रहा है. नल जल योजना का बजट घटा दिया गया. पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं है लेकिन इस ओर सरकार का कोई ध्यान नहीं है. वित्त मंत्री टाल और दियारा के विकास और कोसी, सीमांचल व मिथिलांचल के लिए आर्थिक पैकेज पर चुप रहें.

पलायन का जिक्र करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि हर वर्ष लाखों युवाओं को रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में जाना पड़ता है. इस बार के बजट में पलायन को रोकने के लिए किसी नीति का जिक्र नहीं किया गया. चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि आज बिहार का युवा यह कहने को मजबूर हो गया है कि “न चोर हूँ, न चौकीदार हूँ. सरकार की गलत नीतियों का मारा बेरोजगार हूँ”.

शराबबंदी पर बोलते हुए जाप अध्यक्ष ने कहा कि शराब की तस्करी में सत्ता पक्षा और विपक्ष के नेता सम्मिलित हैं. पुलिस अधिकारियों के साथ मेलजोल कर यह पूरा धंधा चलाया जा रहा है. शराब की तस्करी राज्य में आठ हज़ार करोड़ का व्यापार बन चुकी है. जहरीली शराब से लगातार मौतें हो रही हैं. मुजफ्फरपुर में सात लोगों की मृत्यु हुई. इससे पहले गोपालगंज और सासाराम में मौतें हुई थीं. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि क्या इसके लिए उत्पाद मंत्री जिम्मेदार नहीं है? क्या उनकी बर्खास्तगी नहीं होनी चाहिए? क्या पुलिस अधीक्षक पर कार्यवाई नहीं होनी चाहिए?

पप्पू यादव ने अंत में कहा कि बिहार में पिछले पांच वर्षों से शराबबंदी है फिर शराब कैसे मिल रहा है? मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह करता हूँ कि राज्य के सभी मंत्रियों और पुलिस अधिकारियों का ब्लड टेस्ट होना चाहिए ताकि यह पता लगाया जा सके कि वे लोग शराब पी रहे हैं या नहीं. इससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. शराब के अलावा बालू खनन एक बड़ा मुद्दा बन चुका है. बिहार में बालू खनन के सारे ठेके नेताओं के परिजनों के पास है. जबकि नियम यह है कि नेता के परिजन ठेका नहीं ले सकते.

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