City Post Live
NEWS 24x7

बिहार का पहला ऐतिहासिक फैसला, दुष्कर्म के आरोपी को 9 दिनों में सजा सुना जज ने रचा इतिहास

- Sponsored -

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव : किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्र ने छः वर्षीय बच्ची से किया गया अप्राकृतिक यौनाचार और दुष्कर्म मामले में आरोपित को महज 9 दिनों सजा सुनाकर एक बार फिर इतिहास रचा है. इसके पूर्व भी वे कई ऐतिहासिक फैसला सुना चुके हैं. स्पीडी ट्रायल के तहत महज 9 दिनों में सुनाया गया यह फैसला बिहार का पहला जबकि पूरे देश का दूसरा फैसला है. इसके पूर्व मध्यप्रदेश के कटनी में महज 7 दिनों में इस तरह का फैसला सुनाया गया था. नूरसराय थाना क्षेत्र के एक गांव में बीते 26 जुलाई की घटना है. जहां पड़ोस के रहने वाले किशोर ने बहला फुसला कर छः वर्षीय बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. रेप मामले में आरोपित किशोर को 3 साल व अप्राकृतिक यौनाचार में 3 साल के अलावा पॉक्सो अधिनियम में भी 3 साल की सजा सुनाई है.

सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. आरोपित किशोर नूरसराय थाना क्षेत्र का निवासी है. पीड़िता का पड़ोसी है. जज मानवेंद्र मिश्र ने मामले की सुनवाई स्पीडी ट्रायल कर डे-टू-डे सुनवाई करते हुए संपूर्ण गवाही एवं बहस महज 9 दिन में पूरी करते हुए फैसला सुनाया. कोरोना काल के बाद कोर्ट द्वारा कम समय में यह दिया गया फैसला है. मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक लोक अभियोजन पदाधिकारी राजेश पाठक जयप्रकाश व कौशल कुमार ने बहस की. एपीओ पाठक ने बताया कि 26 जुलाई 2020 को दोपहर 12:30 बजे 6 वर्षीय पीड़िता घर के बाहर दरवाजे के निकट खेल रही थी. तभी आरोपी किशोर आया और उसे बहला-फुसलाकर अपने घर ले गया.

घर के ऊपर वाले कमरे में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया. घटना के बाद पीड़िता रोते हुए घर आई और अपनी मां को घटना की पूरी जानकारी दी. एपीओ पाठक ने बताया कि आरोपित किशोर के द्वारा पूर्व में भी इस तरह की घटना अन्य के साथ भी किया था. लेकिन, सामाजिक लोक लज्जा के डर से लोगों ने उसे उजागर नहीं किया था. घटना के समय पुलिस द्वारा जब्त खून सना कपड़ा एवं प्लास्टिक के बोरा को पुलिस ने जब्त किया था. उसे जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया था. वहां भी जांच में मानव का खून पाया गया. हालांकि, किशोर ने अपने बचाव में पुरानी दुश्मनी बताते हुए अपनी ओर से दो गवाहों की गवाही कराई थी.

नालंदा से महमूद आलम की रिपोर्ट

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

Comments are closed.