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केंद्र सरकार के पास हाथ फैलाने की जरुरत नहीं पड़ेगी: मुख्यमंत्री

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सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि कार्यपालिका अपनी जिम्मेवारियों के साथ आगे बढ़े, तो अगले पांच वर्षां में राज्य को विश्व बैंक या केंद्र सरकार के पास हाथ फैलाने की जरुरत नहीं पड़ेगी, अपने संसाधनों की मदद से झारखंड खुद के पैरों पर खड़ पाएगा। मुख्यमंत्री मंगलवाल को सरकार की पहली वर्षगांठ के मौके पर राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में आयोजित राजकीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर करीब 12 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं का उदघाटन और शिलान्यास किया गया, जबकि विभिन्न जिलों में अरबों रुपये की परिसंपत्तियों का वितरण किया गया। मुख्यमंत्री ने समारोह में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की, जिसके तहत मार्च महीने के पहले झारखंड में ट्राइबल यूनिवर्सिटी के अस्तित्व में आ जाने और सत्र शुरू हो जाने की बात की। उन्होंने कहा कि जाति, आय और अन्य प्रमाण पत्र का आवेदन देने के बाद 15 दिनों तक प्रमाण पत्र नहीं मिलने पर संबंधित पदाधिकारियों की बर्खास्तगी की घोषण की।

उन्होंने मनरेगा मजदूरी दर को 194 रुपये से बढ़कर अपने संसाधनों की मदद से 225 रुपये करने की घोषणा की और जल्द ही इसे बढ़ाकर 300 रुपये करने की बात की। इसके अलावा पांच लाख नये लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत जोड़ने का भरोसा दिलाया, साथ ही घर-घर में नल के माध्यम से पाइप लाईन जलापूर्ति योजना को पूरा कराने, 10लाख एकड़ भूमि में अगले साल फलदार वृक्ष लगाने, किसानों-मजदूरों को पशुधन योजना के तहत आर्थिक स्वावलंबन, राज्य में 5000 आदर्श विद्यालय और सभी 24 जिलों में सरकारी स्कूलों को प्लस टू तक पढ़ाई के लिए एक-एक मॉडल स्कूल की स्थापना, विदेशों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना को अमलीजामा पहनाने की बात की। हेमंत सोरेन ने बताया कि सरकार ने जेपीएससी परीक्षा को लेकर नया नियमावली बना चुकी है, जल्द ही जेपीएससी की ओर से नया कैलेंडर जारी किया जाएगा और नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होगी। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों में अनुबंधित कर्मियों की सेवा स्थायीकरण का मामला जलेबी बनकर रह गया है।

अनुबंध कर्मियों की समस्याओं का समेकित समाधान हो, इसके लिए उच्चस्तरीय समिति बनायी गयी है, सरकार की यह कोशिश है कि समस्या का समाधान हो।  मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में खेल प्रतिभा की कमी नहीं है, लेकिन प्रोत्साहन के अभाव में कई खिलाड़ी हड़िया बेचते, दाई या मजदूरी का काम करते नजर आये, ऐसे खिलाड़ियों को सम्मानित करने का काम राज्य सरकार ने किया और नियमावली बनाकर इनकी सीधी नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है। हेमंत सोरेन ने कहा कि देश में कई ऐसे राज्य है, जहां कोयला, लोहा, अबरख, सोना-चांदी नहीं रहने के बावजूद वे आज अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल है, झारखंड के पास खनिज संपदा के साथ प्राकृतिक सौंदर्य और कला-संस्कृति का खजाना है, आने वाले समय में झारखंड के प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आएंगे।

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