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आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नागपुर पहुंचे प्रणव मुखर्जी

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एक हफ्ते पहले आरएसएस की ओर से मिले न्योते को प्रणव द्वारा स्वीकार किये जाने के बाद से कांग्रेस और बीजेपी के बीच घमाशान शुरू हो गया था. आरएसएस के मुख्यालय में होने वाले प्रणव के इस दौरे पर मीडिया की निगाहें टिकी हुई हैं. इस दौरान 700 आरएसएस कार्यकर्ता तीन वर्षीय प्रशिक्षण के तहत ग्रैजुएट होकर संघ के लिए समर्पित प्रचारक बनने जा रहे हैं, ऐसे में प्रणव के संबोधन पर सबकी नजरें टिकी हैं.

सिटी पोस्ट लाईव :एक वेटेरन कांग्रेसी नेता की पहचान रखनेवाले पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के द्वारा  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने को लेकर बुधवार को नागपुर पहुंचे प्रणव मुखेर्जी पर देश की नजर टिकी है. आज बुधवार को नागपुर पहुँचाने वाले प्रणव मुखर्जी के राजभवन में ठहरने का इंतजाम किया गया है.7 जून को होने वाले आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रणव एक दिन पहले ही नागपुर पहुंच रहे हैं. उनके इस दौरे पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच एक सप्ताह से सियासी घमासान छिड़ा हुआ है.

कार्यक्रम के मुताबिक प्रणव मुखर्जी गवर्नर हाउस में दो रात गुजारने के बाद  शुक्रवार की दोपहर नई दिल्ली लौटेगें . संघ शिक्षा वर्ग तृतीय वर्ष के इस प्रशिक्षण कोर्स के विदाई भाषण में मीडिया को मिले न्योते में लिखा है कि आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत प्रशिक्षुओं को संबोधित करेंगे. इसी कार्यक्रम में प्रणव मुखर्जी ने बतौर चीफ गेस्ट शामिल होने का आमंत्रण स्वीकार किया है. नागपुर में समारोह की शुरुआत गुरुवार को शाम 6.30 बजे होगी.

प्रणव गुरुवार को इस कार्यक्रम में शिरकत करते हुए चार घंटे तक रहेगें.रेशमबाग स्थित आरएसएस के स्मृति भवन में आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में प्रणव शाम 5.30 बजे से 9.30 बजे तक मौजूद रहेंगे. संघ के सूत्रों का कहना है कि रात में आठ बजे समारोह के खत्म होने के बाद पूर्व राष्ट्रपति से डिनर करने की गुजारिश की गई है.

एक हफ्ते पहले आरएसएस की ओर से मिले न्योते को प्रणव द्वारा स्वीकार किये जाने के बाद से कांग्रेस और बीजेपी के बीच घमाशान शुरू हो गया था. आरएसएस के मुख्यालय में होने वाले प्रणव के इस दौरे पर मीडिया की निगाहें टिकी हुई हैं. इस दौरान 700 आरएसएस कार्यकर्ता तीन वर्षीय प्रशिक्षण के तहत ग्रैजुएट होकर संघ के लिए समर्पित प्रचारक बनने जा रहे हैं, ऐसे में प्रणव के संबोधन में क्या बातें हो सकती हैं, ये सभी के लिए कौतूहल का विषय है. कांग्रेस पार्टी से जुड़े रहे सम्मानित नेता प्रणव मुखर्जी के आरएसएस के कार्यक्रम में बतौर चीफ गेस्ट शामिल होने से कांग्रेस के नेता नाराज हैं . उनका मानना है कि इससे संघ की कट्टर हिंदुत्व विचारधारा को मान्यता मिलेगी. वहीं, एक दूसरे वर्ग का कहना है कि राजनीतिक विरोध के बीच ऐसा जुड़ाव लोकतंत्र के लिए जरूरी है, क्योंकि ऐसा नहीं होने पर कई बार राष्ट्रहित को नुकसान पहुंचता है.

नागपुर शहर कांग्रेस अध्यक्ष विलास ठाकरे का कहना है, ‘हमें उनसे मिलने के कोई निर्देश नहीं मिले हैं और न ही ऐसी कोई योजना है.’ नागपुर से सात बार कांग्रेस सांसद रह चुके विलास मुत्तेमवार ने इस मुद्दे पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. इससे साफ हो गया कि उनकी प्रणव के इस दौरे के बीच मुलाकात करने में दिलचस्पी नहीं है. गौर करने वाली बात यह है कि पूर्व राष्ट्रपति के दौरे के संबंध में जारी आधिकारिक बुकलेट में आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने के अलावा और कोई जानकारी नहीं दी गई है.

आयोजन स्थल पर ही आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार का स्मारक ‘स्मृति मंदिर’ भी स्थित है, ऐसे में सभी की निगाहें इस ओर भी टिकी हैं कि प्रणव, हेडगेवार को श्रद्धांजलि देने जाते हैं या नहीं.

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