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बिहार का DGP पद छोड़ने के बाद सामने आए गुप्तेश्वर पांडेय, बोले – सुशांत केस से VRS का कोई लेना-देना नहीं

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के डीजीपी पद से वीआरएस लेने के बाद गुप्तेश्वर पांडेय पहली बार मीडिया के सामने आए हैं। उन्होनें अपने वीआरएस पर बेबाकी से अपनी राय रखी है। गुप्तेश्वर पांडेय ने ये भी साफ किया है कि सुशांत सिंह राजपूत केस से उनके वीआरएस लने का कोई संबंध नहीं है।

गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि मैने स्वैच्छिक सेवानिवृति( VRS) ले लिया है। उन्होनें कहा कि पिछले दो महीने से मैं परेशान हो गया था। उन्होनें कहा कि दो महीने से मेरा जीना मुश्किल हो गया था। रोज हजारों फोन आ रहे थे कि कब इस्तीफा दे रहे हैं। लगातार मीडिया में खबरें चल रही थी मेरा इस्तीफा देने की। उन्होनें दावा किया कि मेरे 34 साल की सेवा में कोई एक गलती बता दें कि मैनें किसी को नुकसान पहुंचाय़ा।

गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि मैनें अपने सेवाकाल में किसी अपराधी के साथ कोई मरौव्वत नहीं की। उन्होनें कहा कि बहुत लोग मेरे इस्तीफे को सुशांत सिंह राजपूत केस से जोड़ कर देख रहे हैं लेकिन मेरे VRS का इस केस से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होनें कहा कि सुशांत केस में उनके बुजुर्ग पिता ने केस किया तो मैनें पूरी तरह संवैधानिक तरीके से इस मामले में कार्रवाई की। उन्होनें कहा कि सर्वोच्च न्यायलय ने भी कार्रवाई पर अपनी मुहर लगा दी है। सुशांत सिंह केस को सीबीआई को सौंपा गया तो इस पर भी हंगामा हुआ उस पर भी सर्वोच्च न्यायालय की क्लीन चिट मिल चुकी है।

गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि कुछ लोग सुशांत सिंह राजपूत केस में मेरे द्वारा की गयी कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कह रहे है कि मुझे चुनाव ल़ड़ना था इसलिए मैनें ऐसा किया है वे लोग मेरे काम के स्टाइल से वाकिफ नहीं हैं।उन्होनें कहा कि मैंने झोला और बोरा लेकर बरगद के पेड़ के नीचे पढ़ाई की है। संघर्ष से ही आईपीएस बना। मैं शुरू से ही कम्यूनिटी पुलिसिंग का पक्षधर रहा हूं । आप मेरे पूरे काम को देखेंगे तो समझ जाएंगे कि मैनें हमेशा पुलिस को समाज के साथ-साथ जोड़ कर चलने की कोशिश की है।

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